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Search Result : "वफादारी का हलफनामा"

सीलिंग तोड़ने मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त, मनोज तिवारी से मांगा एक हफ्ते में हलफनामा

सीलिंग तोड़ने मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त, मनोज तिवारी से मांगा एक हफ्ते में हलफनामा

दिल्ली के गोकुलपुर गांव के एक मकान की सीलिंग तोड़ने के मामले में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी की...
गोवा कैबिनेट से हटाए जाने से नाखुश डिसूजा बोले, 20 साल से वफादारी निभाने का ये फल मिला

गोवा कैबिनेट से हटाए जाने से नाखुश डिसूजा बोले, 20 साल से वफादारी निभाने का ये फल मिला

मनोहर पर्रिकर नीत गोवा कैबिनेट से सोमवार को हटाए जाने पर नाखुशी जाहिर करते हुए भाजपा विधायक फ्रांसिस...
लोकपाल पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जताई नाराजगी, चार सप्ताह में मांगा नया हलफनामा

लोकपाल पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जताई नाराजगी, चार सप्ताह में मांगा नया हलफनामा

लोकपाल की नियुक्ति न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है तथा चार सप्ताह में पूरे विवरण के साथ नया...
बीसीसीआई की बैठक में अनुराग ठाकुर का हलफनामा होगा चर्चा का मुद्दा

बीसीसीआई की बैठक में अनुराग ठाकुर का हलफनामा होगा चर्चा का मुद्दा

अध्यक्ष अनुराग ठाकुर का उच्चतम न्यायालय में दिया जाने वाला हलफनामा कल नई दिल्ली में बीसीसीआई की मान्यता प्राप्त इकाइयों की विशेष आम बैठक (एसजीएम) में चर्चा का केंद्र होगा जिसमें लोढा समिति के सुधारवादी कदमों को लागू किए जाने पर चर्चा होगी। एसजीएम में जिन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जा सकती है उसमें एक राज्य एक मत की सिफारिश और तीन साल के ब्रेक के साथ तीन साल के कार्यकाल का मुद्दा शामिल है।
एएमयू के स्वरूप को लेकर तकरार

एएमयू के स्वरूप को लेकर तकरार

केंद्र सरकार की ओर से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक स्वरूप को चुनौती प्रदान करने वाले हलफनामें के जबाव में विश्वविद्यालय ने अपनी राय स्पष्ट करते हुए इसे दलगत राजनीति से प्रेरित एक प्रयास बताया है। सरकार द्वारा अगले जबाव के लिए 3 सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगे जाने के बावजूद मसला शांत नहीं हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक स्वरूप के विरूद्ध की गई टिप्पणी के बाद से यह सदन के अंदर और बाहर का मसला बन चुका है।
विभाजन के बाद महात्मा गांधी के कारण एस एच रजा ने भारत नहीं छोड़ा था

विभाजन के बाद महात्मा गांधी के कारण एस एच रजा ने भारत नहीं छोड़ा था

देश की आजादी के समय 1947 में हुए विभाजन के बाद परिवार के पाकिस्तान चले जाने के बावजूद मशहूर चित्रकार सैयद हैदर रजा ने भारत में ही रहने का फैसला किया था। उनके इस फैसले के पीछे उनकी मातृभूमि के प्रति वफादारी तो थी ही, लेकिन इसकी एक वजह महात्मा गांधी के प्रति उनका लगाव भी था।
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