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Search Result : "वरिष्ठतम न्यायाधीश एन वी रमन"

गैर पेशेवर आचरण वाले वकीलों को निकाल बाहर करना होगा: जस्टिस ठाकुर

गैर पेशेवर आचरण वाले वकीलों को निकाल बाहर करना होगा: जस्टिस ठाकुर

देश के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने वकालत के पेशे में गैर पेशेवर आचरण पर कड़ाई से रोक लगाने पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे लोगों को वकालत के पेशे से हमेशा के लिए निकाल बाहर करना चाहिए।
चतुर्वेदी को ओएसडी बनाने के लिए केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

चतुर्वेदी को ओएसडी बनाने के लिए केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संजीव चतुर्वेदी को अपने विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के रूप में तैनात करने का अनुरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इससे पहले भी केजरीवाल चतुर्वेदी के लिए पीएम को पत्र लिख चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश ठेंगे पर, भाजपा नेताओं ने मंदिर तोड़ने नहीं दिया

सुप्रीम कोर्ट का आदेश ठेंगे पर, भाजपा नेताओं ने मंदिर तोड़ने नहीं दिया

छत्‍तीसगढ़ में भाजपा नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए मंदिर तोड़ने पहुंचे निगम के दस्‍ते को वापस भेज दिया। नेताओं के इस गैर जिम्‍मेदाराना व्‍यवहार के बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा, शिवसेना, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन मंदिर को तोड़े जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करा पाने के लिए हमर संगवारी संस्था ने निगम प्रशासन को दोषी बताया है।
तेलंगाना: हाईकोर्ट ने नौ और न्यायाधीशों को किया निलंबित

तेलंगाना: हाईकोर्ट ने नौ और न्यायाधीशों को किया निलंबित

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच न्यायाधीशों के अस्थायी आवंटन के खिलाफ आंदोलन और तेज हो गया है। हैदराबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को अनुशासनहीनता के आधार पर निचली अदालत के नौ और न्यायाधीशों को निलंबित कर दिया जिसके विरोध में राज्य के 200 न्यायिक अधिकारी 15 दिन के लिए सामूहिक अवकाश पर चले गए।
स्कूल ने बच्चे को दाखिला देने से किया मना, हाईकोर्ट जज ने की फीस देने की पेशकश

स्कूल ने बच्चे को दाखिला देने से किया मना, हाईकोर्ट जज ने की फीस देने की पेशकश

फीस जमा नहीं कर पाने पर स्थानीय स्कूल द्वारा एक बच्चे को दाखिला देने से इनकार करने पर बंबई उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने किस्त में फीस लेने का निर्देश देते हुए कहा कि अगर यह संभव नहीं है तो वह खुद अपनी जेब से बच्चे की फीस जमा करने के लिए तैयार हैं।
रमन राघव, 2.0 होने में थोड़ी सी कसर

रमन राघव, 2.0 होने में थोड़ी सी कसर

रमन राघव 2.0 अनुराग कश्यप स्टाइल की फिल्म है। यानी लंबी स्क्रिप्ट और एडिटिंग से जूझती हुई फिल्म। फिल्म हिचकाले खाती धीरे-धीरे चलती है और लगता है पता नहीं यह खत्म कैसे होगी। यह तो तय है कि यह फिल्म पूरी तरह अनुराग कश्यप के मुरीदों के लिए ही है।
अभी नहीं आए हैं अच्छे दिन: पूर्व न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े

अभी नहीं आए हैं अच्छे दिन: पूर्व न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एन. संतोष हेगड़े का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी प्रयास किए हैं, लेकिन अच्छे दिन अभी नहीं आए हैं। न्यायमूर्ति को लगता है कि भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार को जनता को बताना चाहिए कि वे काला धन वापस लाने का चुनावी वादा पूरा करने में क्यों असमर्थ हैं।
पूर्व आईपीएस की किताब में दावा, औरंगजेब ने तोड़ा था अयोध्या में राम मंदिर

पूर्व आईपीएस की किताब में दावा, औरंगजेब ने तोड़ा था अयोध्या में राम मंदिर

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या मुद्दा जहां फिर सुर्खियों में है, वहीं एक पूर्व आईपीएस अधिकारी द्वारा लिखी गई किताब में दावा किया गया है कि अयोध्या में राम मंदिर बाबर के शासनकाल के दौरान नहीं, बल्कि औरंगजेब के शासनकाल में तोड़ा गया था।
चर्चाः न्यायाधीशों का नमन | आलोक मेहता

चर्चाः न्यायाधीशों का नमन | आलोक मेहता

न्यायाधीशों के प्रति संपूर्ण समाज में सर्वाधिक सम्मान होता है। निचली अदालतों के फैसलों को चुनौती दी जाती है और अंतिम सीढ़ी यानी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को स्वीकारा जाता है। कभी कभार बेहद मजबूरी होने पर राष्‍ट्रपति के दरवाजे खटखटाए जाते हैं। अदालतों को न्याय का मंदिर ही माना जाता है।
जयललिता, सलमान मामलों से न्यायपालिका की छवि खराब हुई: हेगड़े

जयललिता, सलमान मामलों से न्यायपालिका की छवि खराब हुई: हेगड़े

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एन. संतोष हेगड़े ने कहा है कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता और बॉलीवुड सुपर स्टार सलमान खान से जुड़े घटनाक्रमों से न्यायपालिका की छवि खराब हुई जिनमें अदालतों ने उन्हें जमानत दे दी और उनके मामलों की बिना बारी के सुनवाई की। भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल ने यहां कहा कि इन दो न्यायिक फैसलों से गलत संदेश गया कि धनी और प्रभावशाली तुरंत जमानत हासिल कर सकते हैं।
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