बाहुबलियों की विजय का राज
एक बार फिर वही धुन। प्रिंट, टी.वी., वेब, मोबाइल फोन, फेसबुक, टि्वटर जैसे हर सूचना-संचार माध्यमों पर चुनावी राजनीति में बाहुबलियों के प्रभाव, पहचान, लोकप्रियता अथवा आतंक से जुड़ी सफलता, चुनाव में विजय की चिंता निरंतर हो रही है।