प्रमुख वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के जाने से भारत की वित्तीय साख पर किसी तरह की आंच आने की आशंकाओं को खारिज किया है।
भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड की कई इकाइयों ने कई वर्षों से बोर्ड को हिसाब-किताब नहीं दिया है। अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित खबर के अनुसार दिल्ली जिला क्रिकेट संघ ने पिछले तीन साल से भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) में बैलेंस शीट जमा नहीं कराई है।
भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन पर फिर से हमला बोलते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पूर्व अर्थशास्त्री ने भारतीय वित्तीय प्रणाली में एक टाइम बम लगा दिया है, जो दिसंबर में फटेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और विकास निगम (नेशनल शिड्यूल्ड कास्ट्स फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन –एनएसएफडीसी) की अधिकृत शेयर पूंजी 1000 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 1200 करोड़ रुपये करने की मंजूरी दे दी गई।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी और राज्य की पहली महिला सांसद कविता कलवाकुंटला राजनीति में आने से पहले अपने संगठन तेलंगाना जागृति मंच के जरिए सक्रिय रही हैं। कविता आउटलुक से विशेष बातचीत में राजनीतिक योजना और तेलंगाना के विकास को लेकर खुलकर बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश-
भाजपा के लोकसभा सांसद और देश के जाने-माने पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने दिल्ली क्षेत्र के कंपनी रजिस्ट्रार पर आरोप लगाया है कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) की वित्तीय अनियमितताओं की जांच के नाम पर कंपनी रजिस्ट्रार एवं उनकी टीम ने लीपापोती की है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वभारती विश्वविद्यालय (शांति निकेतन) के कुलपति सुशांत दत्तगुप्ता को बर्खास्त करने की अनुशंसा की है। अगर उनकी बर्खास्तगी हुई तो इस तरह हटाए जाने वाले वे किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले कुलपति हो सकते हैं।
मुद्रास्फीति और वित्तीय घाटा नियंत्रण में रहने के मद्देनजर बैंकरों और उद्योगपतियों को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक मंगलवार को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने और निवेश बढ़ाने के लिए रेपो दर में कटौती कर सकता है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि समुचित वित्तीय मॉडल का अभाव कई मीडिया संगठनों के लिए एक वास्तविक चुनौती बनी हुई है। यह स्थिति न सिर्फ समाचार की विषय वस्तु को प्रभावित करती है बलिक पेड न्यूज जैसी समस्या का भी मार्ग प्रशस्त करती है।