अभिनेता विनोद खन्ना के अंतिम संस्कार में आज के पीढ़ी के स्टार नहीं पहुंचे। गुजरे जमाने के कुछ चुनिंदा कलाकारों और निर्माताओं को छोड़कर आज का कोई बड़ा स्टार वर्ली के श्मशान घाट में नहीं दिखा।
उनकी अदा में दम था, अदाकारी में दम था फिर ऐसा क्या कम था कि विनोद खन्ना सुपर सितारा का दर्जा हासिल नहीं कर पाए। एक अच्छा अभिनेता क्या इसलिए संन्यासी हो गया या फिर संन्यासी होना इसके स्वभाव में था जो सब त्याग कर अपने करिअर की ऊंचाईयों को छोड़ कर आश्रम चल दिया।
खलनायकी से अपना फिल्मी सफर शुरू करने वाले विनोद खन्ना अपनी चिर परिचित मुस्कान और रोबीले चेहरे की वजह से नायक की भूमिका में सिने प्रेमियों को ज्यादा अच्छे लगे। उनका जादू कुर्बानी से लेकर अमर अकबर एंथोनी तक खूब चला।