गजल की आवाज’ कहे जाने वाले मेंहदी हसन क स्वर यों तो पांच साल पहले ही थम गई थी, लेकिन वह आज भी उनके चहेतों के दिलों में गूंजती है। अब उनकी गौरवमयी यादगार को आकार देने के लिए पाकिस्तान में एक विशाल मकबरा तामीर करने में उनका बेटे ने भारत से मदद की गुहार लगाई है।
आठ दशक लंबे स्वर्णिम दौर के बाद दिल्ली का प्रतिष्ठित सिनेमाघर रीगल कल बंद हो जाएगा। इसमें दिखाई जाने वाली अंतिम फिल्म होगी अभिनेता राजकपूर की मेरा नाम जोकर और संगम। मध्य दिल्ली के कॅनाट प्लेस में स्थित रीगल के वास्तुकार थे वाल्टर स्काइज जॉर्ज। इसे वर्ष 1932 में खोला गया था। सिनेमाघर के मालिकों में से एक विशाल चौधरी ने बताया कि प्रशंसकों के अनुरोध के बाद ही उन्होंने राजकपूर की फिल्में दिखाने का निर्णय लिया।