चर्चाः कहां हैं धर्म के रखवाले | आलोक मेहता
सीताराम, राधेश्याम, लक्ष्मीपति विष्णु, शिव-पार्वती की जयकार के साथ धर्म ध्वजा फहराने वाले धर्मगुरु, नेता, समाजसेवी की आवाज अहमदाबाद-पुणे में क्यों नहीं सुनाई दी? ब्रह्मांड न सही, विश्व हिंदू परिषद के गरजने वाले नेता तिलक और कमंडल के साथ मातृशक्ति के लिए मैदान में ‘संकीर्ण’ और सत्ता व्यवस्था के समक्ष खड़े क्यों नहीं दिखाई दिए?