राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दूध का खुदरा कारोबार करने वाली इकाई मदर डेयरी ने दूध के एक लीटर और आधा लीटर के पैक के दाम में प्रति पैकेट एक-एक रुपये की वृद्धि की घोषणा की।
बीफ यानी गाय के मांंस पर प्रतिबंध और चमड़े के परिवहन में आ रही दिक्कत के बाद क्रिकेट की गेंद के दामों में दोगुनी बढ़ोतरी हो गई है। जो गेंद एक साल पहले 400 रुपए की मिलती थी वहीं अब 800 रुपए की मिल रही है। उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में बीफ पर बैन है। इसके अलावा गाय के चमड़ेे का परिवहन करने में अब ट्रांसपोर्टर रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इस वजह से गाय के चमड़े की किल्लत हो गई है। गाय के चमड़े से क्रिकेट की लाल गेंद बनाई जाती है। एक गाय के चमड़े से करीब तीन दर्जन गेंद तैयार की जा सकती हैं।
कुछ दिन पहले प्याज के गिरते दामों ने किसानों को रुलाया तो अब टमाटर के दामों में अचानक आई तेजी आम आदमी के रसोई का बजट गड़बड़ाने लगी है। सिर्फ 15 दिनों में टमाटर के भाव दोगुने तक हो गये हैं। इस तेजी के पीछे मोटी वजह टमाटर की कम आवक है। देश की कई मंडियों में टमाटर के खुदरा दाम 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गये हैं। इस तेजी ने आम लोगों की रसोई का बजट गड़बड़ा दिया है।
दिल्ली-एनसीआर में जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान इससे पिछली तिमाही के मुकाबले घरों के दाम एक प्रतिशत तक घटे हैं। रीयल्टी पोर्टल 99 एकड़्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि कमजोर मांग की वजह से मकान सस्ते हुए हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री आजम खां द्वारा पूर्व की बसपा सरकार पर चीनी मिलोें को औने-पौने दाम पर बेचने का आरोप लगाये जाने के बाद हंगामा हो गया।
अंतरराष्ट्रीय उर्जा एजेंसी (आईईए) ने कच्चे तेल बाजार में अधिक आपूर्ति की चेतावनी दी है जिसके बाद एशियाई बाजार में आज अमेरिकी कच्चे तेल का भाव 28 डालर प्रति बैरल से नीचे आ गया। यह 12 साल का नया निम्न स्तर है।
उत्तर प्रदेश में गन्ना के उचित दाम और किसानों के बकाया भुगतान का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने राज्यव्यापी अांदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। कई दिनों के भाकियू के कार्यकर्ता मुजफ्फरनगर समेत यूपी के कई जिलों में धरना-प्रदर्शन पर बैठे हैं।
रेल से यात्रा करने वाले यात्रियों को दी जाने वाली सब्सिडी की ओर संकेत करते हुए रेलवे ने एक चार्ट जारी किया है। इसमें सेब, फिल्म के टिकट, तेल जैसी रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं के मूल्य की तुलना रेल किराये से की गई है।
केंद्र ने कपास के बीज के दामों पर नियंत्रण रखने का फैसला किया है। इसके लिए मार्च, 2016 से आनुवांशिक परिवर्तन से तैयार कपास (बीटी कपास) सहित कपास की अन्य किस्मों के बीजों का अधिकतम बिक्री मूल्य यानी एमआरपी सरकार तय करेगी। यह कदम मोनसैंटो जैसी वैश्विक हाइब्रिड बीज कंपनी के लिए बड़ा झटका मना जा रहा है।