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Search Result : "वैज्ञानिक शोध"

ऑटोमेशन से भारत में 69 प्रतिशत रोजगार को खतरा : विश्वबैंक

ऑटोमेशन से भारत में 69 प्रतिशत रोजगार को खतरा : विश्वबैंक

स्वचालन :आॅटोमेशन: के बढ़ते उपयोग से बड़े पैमाने पर रोजगार जा सकते हैं। विश्वबैंक की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार इससे भारत में 69 प्रतिशत और चीन में 77 प्रतिशत रोजगार को खतरा है। इसमें कहा गया है कि विकासशील देशों में प्रौद्योगिकी परंपरागत आर्थिक रास्ते के प्रतिरूप को बुनियादी रूप से बाधित कर सकती हैं।
ब्रिटेन के तीन वैज्ञानिकों को मिला भौतिकी का नोबेल पुरस्कार

ब्रिटेन के तीन वैज्ञानिकों को मिला भौतिकी का नोबेल पुरस्कार

नोबेल पुरस्कार विजेताओं का चयन करने वाली जूरी ने आज भौतिकी के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी। जूरी ने तीन ब्रिटिश वैज्ञानिकों, डेविड थौलेस, डंकन हाल्डेन और माइकल कोस्टरलिट्ज को इस साल भौतिकी के नोबल पुरस्कार के लिए चुना है।
पीएम ने फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों का सहयोग मांगा

पीएम ने फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों का सहयोग मांगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संकुचित होती भूमि और घटते जल संसाधनों को ध्यान में रखते हुए फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक उपायों का इस्तेमाल करने की जरूरत पर जोर दिया। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की प्लेटिनम जयंती के मौके पर दिल्ली में वैज्ञानिकों को अपने संबोधन में मोदी ने कहा, जैसा कि मैंने हमेशा कहा है, हर बूंद के साथ अधिक फसल। हमें इस तरह भी सोचना होगा- जमीन के हर एक इंच के साथ फसल का गुच्छा।
भाजपा का सदस्‍यों को फरमान, आजादी के आंदोलनों में 'हिस्‍सेदारी' की खोज करो

भाजपा का सदस्‍यों को फरमान, आजादी के आंदोलनों में 'हिस्‍सेदारी' की खोज करो

अक्‍सर भाजपा के नेताओं पर यह तंज कसा जाता है कि आजादी की लड़ाई के वक्त भाजपा नहीं थी। इसलिए उनका देश की आजादी में कोई योगदान नहीं है। इसी तंज का मुकाबला करने के लिए भाजपा के मुख्‍याल ने पार्टी के सभी जिला मुख्यालयों को एक खास संदेश भेजा है। पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे अपने पारिवारिक एलबम, पर्सनल रिकॉर्ड या कोई भी ऐसा दस्तावेज जुटाएं, जिससे पता चलता हो कि भाजपा नेताओं ने 'राष्ट्रीय आंदोलनों' में हिस्सा लिया था।
भारत में 1.2 अरब लोगों पर है जीका का खतरा

भारत में 1.2 अरब लोगों पर है जीका का खतरा

वैज्ञानिकोंं ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अकेले भारत में 1.2 अरब की आबादी ज़ीका के खतरे वाले इलाके में रह रही है। उन्होंने कहा है कि ज़ीका अफ्रीका, एशिया और प्रशांत के क्षेत्राें में नए सिरे से अपने पैर जमा सकता है, जहां दुनिया की एक तिहाई से ज्यादा आबादी यानी कम से कम 2.6 अरब लोग रहते हैं।
पीपली लाइव के सह निर्देशक को 7 साल कैद की सजा

पीपली लाइव के सह निर्देशक को 7 साल कैद की सजा

चर्चित फिल्म पीपली लाइव के सह निर्देशक महमूद फारुखी को अमेरिकी महिला से बलात्कार के दोष में 7 साल कैद की सजा सुनाई गई है। यह अमेरिकी शोध छात्रा अपने काम के सिलसिले में फारूखी के संपर्क में आई थी और उसका आरोप था कि फारुखी ने 28 मार्च, 2015 को अपने निवास पर जबरन उसके साथ संबंध बनाए।
क्या भारत में बाघों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई !

क्या भारत में बाघों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई !

भारत में कितने बाघ हैं। सरकार के सबसे हालिया आकलन के अनुसार यह संख्या 2,226 है। वैज्ञानिक आधार पर की गई गणनाओं का आकलन है कि यह संख्या लगभग 1500 से 3000 के बीच रह सकती है। इतना अधिक अंतर नामी परियोजना प्रोजेक्ट टाइगर को सफल या विफल बनाने में एक बड़ी वजह बन सकता है। इसलिए ये आकलन नीति निर्धारण के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं।
4.3 फीसदी चिकित्सा संस्‍थान में 40.3 फीसदी शोध

4.3 फीसदी चिकित्सा संस्‍थान में 40.3 फीसदी शोध

सरकार ने आज लोकसभा में कहा कि भारतीय चिकित्सा संस्थानों में कुल मिलाकर शोध की हालत खराब है और वर्ष 2005 से 2014 के बीच सैकड़ों मेडिकल चिकित्सा संस्थानों ने एक भी शोध पत्र प्रकाशित नहीं किया।
ये बातें मानी तो टाल सकते हैं स्ट्रोक को

ये बातें मानी तो टाल सकते हैं स्ट्रोक को

चलता-फिरता आदमी अचानक गिर जाए और उसके शरीर के किसी खास अंग को लकवा मार जाए या फिर उसकी बोली चली जाए या उसकी याद्दाश्त गुम हो जाए और कई बार मरीज की मौत हो जाए तो ऐसे मामलों में सबसे बड़ी आशंका दिमागी स्ट्रोक का शिकार होने की होती है। इसमें दिमाग के किसी खास हिस्से में खून के थक्के बन जाते हैं और उसके कारण उस खास हिस्से से संचालित होने वाले शरीर के अंग अचानक काम करना बंद कर देते हैं।
समय से पहले बहरे हो सकते हैं आज के किशोर : शोध

समय से पहले बहरे हो सकते हैं आज के किशोर : शोध

आज के किशोर टिनीटिस (कान में लगातार गूंजती आवाज) की समस्या से जूझ रहे हैं। यह बहरेपन का लक्षण होता है। एक नए अनुसंधान में पता चला है कि इन लक्षणों को प्रारंभिक चेतावनी के तौर पर लेना चाहिए क्योंकि इनका सामना कर रहे युवाओं को बहरेपन का गंभीर खतरा है।
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