पारंपरिक औषधि से संबंधित पहली भारतीय-अमेरिकी कार्यशाला आज नई दिल्ली में आरंभ हुई। यह कार्यशाला कल चार मार्च तक चलेगी। इस कार्यशाला का आयोजन पिछले वर्ष भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच हुई उस बातचीत के आधार पर की जा रहा है जिसमें दोनों नेताओं ने पारंपरिक औषधि के क्षेत्र में मिलकर काम करने की प्रतिबद्ता जताई थी।
दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अनुशासन सफलता को मजबूत बनाने की आधार शिला है इसलिए छात्रों को दूसरों से स्पर्धा करने की बजाय खुद से स्पर्धा करनी चाहिए और आशाओं के बोझ के नीचे दबने की बजाए अपना लक्ष्य खुद निर्धारित करना चाहिए। रेडियो पर मन की बात करते हुए पीएम मोदी छात्रों को पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुल्कर का संदेश भी सुनवाया।
बीते दौर में हुए एक विस्फोट को सुनकर दो अमेरिकी संसूचकों (detectors) ने एक इतिहास रच दिया है और यदि चीजें योजना के अनुरूप चलती हैं तो एेसी ही आवाजें सुनने वाला तीसरा संसूचक भारत में हो सकता है। इन संसूचकों पर सुनी जाने वाली ये आवाजें ब्रह्मांड के गहरे रहस्यों से पर्दा उठा सकती हैं।
पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने आज अदालत के समक्ष कहा कि लश्कर-ए-तैयबा ने 26/11 के मुंबई हमलों से एक साल पहले ताज होटल में भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों हमले की योजना बनाई थी। हेडली ने यह भी कहा कि उसने नौसैन्य वायु स्टेशन और सिद्धीविनायक मंदिर की रेकी की थी।
आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के नए कुलपति होंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के भेजे चार नामों में से जगदीश कुमार के नाम को मंजूरी दी है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी को जेएनयू का वीसी बनाए जाने की अटकलों के बाद यह नियुक्ति चर्चाओं में आ गई थी।
स्वास्थ्य के अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए देश के चुनिंदा 43 वैज्ञानिकों को आज दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सभागार में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
एशिया से सबसे ज्यादा प्रवासी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को अमेरिका भेजने के मामले में भारत शीर्ष पर कायम है और अमेरिका महाद्वीप में इस तरह के कुल 29 लाख 60 हजार पेशेवरों में से तकरीबन नौ लाख 50,000 भारत से हैं।
देश में असहिष्णुता पर जारी बहस के बीच उप राष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी ने कहा है कि समाज में आलोचना और सवाल उठाए जाने के प्रति असहिष्णुता है जिसकी वजह अवैज्ञानिक पूर्वाग्रहों पर आधारित अतार्किक आस्था और मत हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच के अभाव में ही अक्सर असहमति जाहिर करने वाले व्यक्ति के बहिष्कार या उसकी हत्या कर दिए जाने या फिर किताबों पर प्रतिबंध जैसी घटनाएं सामने आती हैं।