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दिल्ली से हावड़ा और मुंबई रूट पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेन

दिल्ली से हावड़ा और मुंबई रूट पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेन

गतिमान एक्सप्रेस की सफल शुरुआत के बाद रेलवे ने दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रूटों पर यात्रा की अवधि कम करने की दिशा में बहुत बड़ा कदम उठाते हुए इन रूटों पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटा करने की याजना बनाई है जिसकी अनुमानित लागत लगभग 10,000 करोड़ रुपये की बताई जा रही है।
राजधानी, दुरंतो और शताब्दी ट्रेनों में यात्रा महंगी

राजधानी, दुरंतो और शताब्दी ट्रेनों में यात्रा महंगी

रेलवे ने प्रीमियर ट्रेनों राजधानी, दुरंतो तथा शताब्दी में 9 सितंबर से नई किराया प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। रेलवे के अनुसार राजधानी, दुरंतो तथा शताब्दी ट्रेनों में अब आधार किराया नई किराया प्रणाली पर आधारित होगा।
संयुक्त राष्ट्र जारी करेगा सुब्बुलक्ष्मी पर डाक टिकट

संयुक्त राष्ट्र जारी करेगा सुब्बुलक्ष्मी पर डाक टिकट

कर्नाटक संगीत की प्रसिद्ध भारतीय कलाकार, एम एस सुब्बुलक्ष्मी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र उनके सम्मान में एक डाक टिकट जारी करेगा। यह टिकट 15 अगस्त को जारी होगा। इस दिन भारत का 70वां स्वतंत्रता दिवस भी है।
यूपी चुनाव में 265 से ज्यादा सीटें जीतने का मौर्य ने किया दावा

यूपी चुनाव में 265 से ज्यादा सीटें जीतने का मौर्य ने किया दावा

भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने आज दावा किया कि 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 265 से अधिक सीट जीतेगी और प्रदेश को समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से मुक्ति दिलाएगी।
भीष्म साहनी के जन्म शताब्दी वर्ष में 'चीफ की दावत'

भीष्म साहनी के जन्म शताब्दी वर्ष में 'चीफ की दावत'

लेखक परिचय: 8 अगस्त 1915 में रावलपिंडी में जन्म। आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में एक। सन 1937 में लाहौर गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एमए करने के बाद उन्होंने सन 1958 में पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। विभाजन के बाद भारत आकर समाचार पत्रों में लिखा और भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) से भी जुड़े। अंबाला और अमृतसर में अध्यापक रहने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में भी साहित्य के प्रोफेसर रहे। भाग्य-रेखा, पहला पाठ, भटकती राख, पटरियां, वाङचू, शोभायात्रा, निशाचर, पाली नाम से कहानी संग्रह के साथ झरोखे, कड़ियां, तमस, बसंती, मय्यादास की माड़ी, कुंतो, नीलू नीलिमा नीलोफर उपन्यास बहुत चर्चित रहे। इस साल उनका जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। सन 1975 में तमस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और इसी वर्ष शिरोमणि लेखक अवार्ड (पंजाब सरकार) मिला। सन 1980 में एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन का लोटस अवार्ड, 1983 में सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड और 1998 में पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया गया।
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