आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान हुई किसान की खुदकुशी के मामले में दिल्ली पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट नयी दिल्ली क्षेत्र के जिलाधिकारी को सौंप दी है। दिल्ली पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में गजेंद्र की मौत का कारण दम घुटना बताया गया है। आगे की जांच अब नयी दिल्ली के जिलाधिकारी करेंगे।
भारत ने आज अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों द्वारा सकारात्मक और सृजनात्मक नजरिया अपनाए जाने और हिंसा को समर्थन देना बंद करने की मजबूत पैरवी की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सुरक्षा के साथ ही कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श किया।
आम आदमी पार्टी की किसान रैली में आत्महत्या करने वाले गजेंद्र सिंह की मौत पर पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में केजरीवाल ने कहा, उस समय रैली जारी रखना मेरी गलती थी और मैं सबसे माफी मांगता हूं। इस मामले की पुलिस और मजिस्ट्रेट जांच चल रही है और जो भी इसका दोषी हो, उसे चाहे फांसी पर लटका दो। लेकिन बहस इसी पर केंद्रित होनी चाहिए कि किसान खुदकुशी क्यों कर रहे हैं।
ये आंकड़ा हर किसी को पता है कि इस देश में 1995 से अब तक साढ़े तीन लाख किसानों-खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। दैनिक औसत निकालें तो 50 लोग हर रोज जान दे रहे हैं। 20 साल में देश की सत्ता और सिस्टम इन मौतों के जिम्मेदारों की शिनाख्त नहीं कर पा रही है। चूंकि, शिनाख्त नहीं हुई इसलिए आगे की कार्रवाई की भी जरूरत नहीं। एक खेल चल रहा है जिसमें राजनीतिक दल एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं। उनका ध्यान समस्या ओर उसके समाधान पर नहीं है, बल्कि खुद को दूसरों से उजला, ईमानदार और संवेदनशील दिखाने पर है। ऐसे में कोई गजेंद्र मरे तो मरता रहे, उनकी बला से।
आम आदमी पार्टी ने बुधवार को चेताया कि केंद्र अगर विवादित भूमि विधेयक पर आगे बढ़ता है तो पार्टी उसके खिलाफ अपने आंदोलन का दायरा बढ़ाएगी। वहीं पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस विधेयक के विरोध में यहां एक रैली आयोजित कर रहे हैं।
आज जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की रैली में आत्महत्या करने वाला व्यक्ति राजस्थान के दौसा जिले का रहने वाला किसान गजेंद्र सिंह था। मौजूद लोगों के अनुसार उसकी उम्र लगभग 50 वर्ष थी।
करीब दो महीने के अवकाश से लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को आयोजित होने वाली किसान रैली से पहले शनिवार को अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति में विभिन्न राज्यों से आए किसानों से मुलाकात की और संप्रग के कानून में नरेन्द्र मोदी सरकार की ओर से किये गए बदलाव के बारे में उनकी राय मांगी।