अहमद खान बागी 2 निर्देशित कर रहे हैं और टाइगर के फैंस बेसब्री से इस फिल्म का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही बागी 2 का पोस्टर रीलिज हुआ टाइगर के प्रशंसकों को लगने लगा है कि इस बार वह सलमान को टक्कर देंगे।
अभिनेता विनोद खन्ना के अंतिम संस्कार में आज के पीढ़ी के स्टार नहीं पहुंचे। गुजरे जमाने के कुछ चुनिंदा कलाकारों और निर्माताओं को छोड़कर आज का कोई बड़ा स्टार वर्ली के श्मशान घाट में नहीं दिखा।
हाफ गर्लफ्रेंड फिल्म आने में अभी देर है। लेकिन दर्शकों की इस फिल्म के प्रति उत्सुकता बढ़ती जा रही है। सिनेमाघरों में हाफ गर्लफ्रेंड के ट्रेलर आने शुरू हो गए हैं। और अब इस फिल्म कासबसे रोमांटिक गाना रीलिज हो गया है।
वृहनमुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने हिन्दी फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर को उपनगरीय ब्रांदा में पाली हिल्स में स्थित उनके कृष्णा राज बंगले के भीतर एक बरगद के पेड़ की अनुमति से अधिक शाखाएं काटने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
बालीवुड अभिनेता रिषि कपूर ने कहा है कि इंडियन प्रीमियर लीग में पाकिस्तानी क्रिकेटरों को शामिल करने की अनुमति मिलनी चाहिए क्योंकि इस टी20 लीग में दुनिया भर के क्रिकेटरों को अपना कौशल दिखाने का मौका दिया जाता है।
श्रद्धा कपूर के अभिनय को लेकर किसी को कोई शक नहीं है। हॉफ गर्लफ्रेंड के बाद उनकी आने वाली फिल्म हसीना : द क्वीन ऑफ मुंबई का पोस्टर जारी हुआ और इस पोस्टर में उनका चेहरा बता रहा है कि वह हसीना के किरदार को शानदार ढंग से निभाएंगी।
आठ दशक लंबे स्वर्णिम दौर के बाद दिल्ली का प्रतिष्ठित सिनेमाघर रीगल कल बंद हो जाएगा। इसमें दिखाई जाने वाली अंतिम फिल्म होगी अभिनेता राजकपूर की मेरा नाम जोकर और संगम। मध्य दिल्ली के कॅनाट प्लेस में स्थित रीगल के वास्तुकार थे वाल्टर स्काइज जॉर्ज। इसे वर्ष 1932 में खोला गया था। सिनेमाघर के मालिकों में से एक विशाल चौधरी ने बताया कि प्रशंसकों के अनुरोध के बाद ही उन्होंने राजकपूर की फिल्में दिखाने का निर्णय लिया।
अभिनेता शाहिद कपूर ने कहा है कि कोल्हापुर जिले में उनकी आगामी फिल्म पद्मावती के सेट पर मचाया गया उपद्रव दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि उनके अनुसार हंगामा और तोड़-फोड़ से किसी को नुकसान नहीं हुआ, सभी सुरक्षित हैं और शूटिंग समाप्त कर टीम वापस आ रही है।
विशाल भारद्वाज बड़े कैनवास पर फिल्म रंगून ले कर आए हैं। ओमकारा, मकबूल, हैदर बनाने वाले निर्देशक इतनी बड़ी चूक कर सकते हैं यकीन करना थोड़ा मुश्किल है। दुखांत अंत उनकी फिल्मों का स्थाई भाव रहता है जो यहां भी है। लेकिन ओमकारा या मकबूल में यह दर्शकों को सिहरा देता था और यहां दर्शक राहत की सांस लेते हैं कि चलो फिल्म अब खत्म होगी।