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Search Result : "शाह महमूद कुरैशी"

मुसलमानों के लिए सबसे बेहतर देश है भारत: महमूद मदनी

मुसलमानों के लिए सबसे बेहतर देश है भारत: महमूद मदनी

जमीयत उलेमा ए हिंद बुधवार को एक साथ देश के सभी प्रमुख शहरों में आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। जमीयत उलेमा ए हिंद ने पेरिस में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए आज कहा, इस्लाम में क्रिया की प्रतिक्रिया की कोई जगह नहीं है और इस्लाम के नाम पर मासूमों की हत्याएं करना, इस्लाम के नाम का दुरूपयोग करना है।
पार्टी नेतृत्व पर शत्रुघ्न का हमला जारी

पार्टी नेतृत्व पर शत्रुघ्न का हमला जारी

बिहार चुनाव पराजय की जिम्मेदारी तय करने के लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं के बयान का स्वागत करते हुए भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आज कहा कि हमें जिम्मेदारी तय करने से भागना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, अब जनादेश सामने आ गया है। हम इस शर्मनाक हार से दुखी हैं। हमें जवाबदेही तय करने से भागना नहीं चाहिए।
बिहार में हार पर आडवाणी, जोशी ने किया मोदी, शाह पर हमला

बिहार में हार पर आडवाणी, जोशी ने किया मोदी, शाह पर हमला

बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार पर पार्टी में मचा घमासान जारी है। मंगलवार को भाजपा के तीन वरिष्ठ नेताओं ने एक साझा बयान जारी कर कहा है कि पार्टी ने दिल्ली में हुई हार से कोई सबक नहीं सीखा।
करारी हार के बाद भाजपा में उभरे विरोध के स्वर

करारी हार के बाद भाजपा में उभरे विरोध के स्वर

बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद अब भाजपा में विरोध के स्वर लगातार उभर रहे हैं। भाजपा सांसद भोला सिंह ने अपनी ही पार्टी पर मंगलवार को आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा बिहार में केवल हारी नहीं है, बल्कि घुटने तक पानी में डूब गई है।
हार के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराने से भाजपा का इनकार

हार के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराने से भाजपा का इनकार

बिहार चुनाव के नतीजों पर विचार विमर्श करने के लिए आज हुई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद भाजपा ने बिहार में हार के लिए किसी भी नेता को जिम्मेदार ठहराने की बात को खारिज करते हुए इस आलोचना को भी नकार दिया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण की समीक्षा संबंधी बयान ने हार में एक बड़ी भूमिका अदा की।
नीतीश का जादू चला, लेकिन सबसे ज्‍यादा सीटें लालू को

नीतीश का जादू चला, लेकिन सबसे ज्‍यादा सीटें लालू को

बिहार विधानसभा चुनाव के अब तक के रुझानों से साफ हो गया है कि शानदार जीत के साथ नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार में सरकार बनाने जा रहे हैं। महागठबंधन को 178 सीटें मिली हैं जबकि भाजपा नीत एनडीए सिर्फ 58 सीटें हासिल कर पाया है। खास बात यह है कि लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्‍ट्रीय जनता दल 80 सीटों के साथ बिहार में सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है जबकि नीतीश की जदयू 71 सीटों पर जीती है। पिछली बार 91 सीटें जीतने वाली भाजपा 53 सीटों पर सिमटकर रह गई है।
बिहार से निकली बात दूर तलक जाएगी | नीलाभ मिश्र

बिहार से निकली बात दूर तलक जाएगी | नीलाभ मिश्र

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे राष्ट्रीय राजनीति में भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्थिति को तत्काल कोई खतरा न पहुंचाएं मगर कुछ चीजें तो इसने बिलकुल साफ कर दी हैं। सबसे पहले तो इन नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी के सामने यह सबक रखा है कि समाज को बांटने वाले मुद्दे ज्यादा दूर तक आपका साथ नहीं देते। भाजपा को इस देश में अगर सही मायने में एक दक्षिणपंथी विचारधारा वाली पार्टी बनना है तो उसे सामाजिक विभाजक मुद्दों से परहेज करना चाहिए। एक बार को जनता आपकी दक्षिणपंथी आर्थिक नीतियों को तो सह लेगी मगर सामाजिक विभाजक नीतियों को नहीं। वैसे भारत में आर्थिक दक्षिणपंथी नीतियों के लिए भी जगह कम ही है।
हार के बाद भाजपा में मचा घमासान

हार के बाद भाजपा में मचा घमासान

बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार ने पार्टी के अंदर घमासान मचा दिया है। पार्टी सांसद शत्रुध्न सिन्हा और आरके सिंह को पार्टी से निकालने की मांग होने लगी है वहीं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के घर पर नेताओं की बैठक में भी एक-दूसरे पर आरोप लगते रहे। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संघ नेताओं से मुलाकात कर हार के कारणों पर चर्चा की।
कुंदन शाह, मिर्जा, अरुंधति‍ समेत 24 लोगों ने अवार्ड लौटाए

कुंदन शाह, मिर्जा, अरुंधति‍ समेत 24 लोगों ने अवार्ड लौटाए

देश में असहिष्णुता के माहौल को लेकर पुरस्‍कार वापसी का सिलसिला जारी है। अब जाने-माने फिल्‍म फ‍िल्‍मकार कुंदन शाह, निर्देशक सईद मिर्जा और प्रसिद्ध लेखिका अरुंधति रॉय समेत 24 फिल्‍मकारों ने अपने राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार लौटाने का ऐलान किया है। इससे पहले दिबाकर बनर्जी और आनंद पटवर्धन समेत 11 लोगों ने अभिव्‍यक्ति की आजादी और असहिष्‍णुता के मुद्दे पर अपने पुरस्‍कार लौटा दिए थे।
इन छह चीजों ने तय की हैं बिहार चुनाव की रेखा

इन छह चीजों ने तय की हैं बिहार चुनाव की रेखा

चुुनाव अपने यहां सचमुच उत्सव हैं। चुनाव लडऩे-लड़ाने वालों को छोडक़र सभी इसको इंज्वॉय करते हैं। और बिहार चुनाव तो उत्सवों के समय ही होते रहे। दशहरा, दीपावली- सबको निबटाते हुए चुनाव में भागीदारी का अलग ही आनंद है। बिहार का आदमी थोड़ा हटकर भी होता है। वह अमेरिकी चुनाव को लेकर भी अंदर की खबरें जानता-समझता है। इस मामले में भुच्च बिहारी भी इंटरनेशनल है। इसलिए कोई यह कैसे सोच सकता है कि अपने घर में हो रहे चुनाव के अंदर की खबरें उसके पास नहीं होंगी।
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