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Search Result : "शैक्षणिक योग्यता"

सीआईसी ने विश्वविद्यालयों से पीएम की डिग्री पर जानकारी देने को कहा

सीआईसी ने विश्वविद्यालयों से पीएम की डिग्री पर जानकारी देने को कहा

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश जारी किया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षिक योग्यता के बारे में सूचना मांगने वाले आरटीआई आवेदनों का उचित जवाब दें।
हरियाणा: विधेयक पारित, जाटों समेत पांच अन्य जातियों को आरक्षण

हरियाणा: विधेयक पारित, जाटों समेत पांच अन्य जातियों को आरक्षण

हरियाणा विधानसभा ने आज सर्वसम्मति से जाटों और पांच अन्य समुदायों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण प्रदान करने से संबंधित विधेयक को पारित कर दिया। यह विधेयक जाट समुदाय द्वारा दी गई 3 अप्रैल की समय-सीमा से पहले पारित किया गया है। समुदाय ने पिछले महीने हिंसक आंदोलन छेड़ दिया था।
क्‍या 12वीं पास ही लड़ पाएंगे हरियाणा में नगर निगम के चुनाव?

क्‍या 12वीं पास ही लड़ पाएंगे हरियाणा में नगर निगम के चुनाव?

हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता निर्धारित करने के बाद राज्‍य सरकार अब नगर निगमों के चुनावों के लिए भी 12वीं तक की शिक्षा को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर विवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर विवाद

चुनाव शपथ पत्रों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री गुजरात विश्वविद्यालय से एमए की बताई जाने के बावजूद सोशल मीडिया पर उनकी शैक्षिक योग्यता को लेकर विवाद चल रहा है। #DegreeDikhaoPMSaab हैशटैग से पीएम की डिग्री के बारे में जानकारी मांगी जा रही है। विवाद यह है कि पीएम के प्रोफाइल में पहले गुजरात विश्वविद्यालय से एमए किए जाने की बात कही गई थी। लेकिन दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र तोमर के फर्जी डिग्री मामले के बाद पीएम के प्रोफाइल से एमए की बात निकाल दी गई। सूचना के अधिकार के तहत पीएम कार्यालय से प्रधानमंत्री की डिग्री से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी। पीएम कार्यालय से जानकारी नहीं दिए जाने पर इस विवाद को बल मिला है। आधिकारिक प्रतिक्रिया देने के लिए भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय के प्रश्‍ाासनिक कार्यालय में फोन किया गया लेकिन बात नहीं हो सकी।
आरक्षण योग्यता पर पुनर्विचार जरूरी

आरक्षण योग्यता पर पुनर्विचार जरूरी

पिछले दो महीने में दो अलग-अलग न्यायालयों ने आरक्षण को लेकर एक ही बात कही है। दोनों ही बार कोर्ट ने आरक्षण नीति जारी रखने को उचित कहा है लेकिन यह भी कहा है कि आरक्षण नीति में बदलाव, बल्कि इस पर सतत चिंतन की जरूरत है। यह राजनीतिक तौर पर संवेदनशील मसला तो है लेकिन इस पर जो राजनीति होती रही है, उससे नीति का मकसद पूरा नहीं हो रहा है। वैसे, राजनीतिक दल इसे लेकर रोटी सेंकने की जब भी कोशिश करते हैं, उनके हाथ में फफोले ही पड़े हैं। यह तो सब जानते ही हैं कि मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने वाली वीपी सिंह सरकार लौटकर सत्ता में नहीं आई।
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