तेज गेंदबाज कैगिसो रबादा और बायें हाथ के स्पिनर केशव महाराज के दो-दो विकेट के दम पर दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंकाई बल्लेबाजों के जुझारूपन दिखाने के बावजूद पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के चौथे दिन आज जीत की अपनी उम्मीद मजबूत कर दी।
पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के बाद राजधानी दिल्ली स्थित कई देशों के दूतावासों काेे नकदी संकट का सामना करना पड़ रहा है। रूस के बाद नकद निकासी सीमित करने को लेकर कई देशों के दूतावासों ने नाखुशी जताई है। उन्होंने इसे विएना कंवेंशन का गंभीर उल्लंघन बताया है।
देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल विश्वविद्यालय में पिछले दो साल से गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक वाकये से जेएनयू प्रशासन भी त्रस्त हो गया है। एक साल पहले यहां के छात्र नेता ने देश विरोधी नारे लगाए ऐसी खबरों के बीच अब एक और छात्र नजीब के लापता होने से विश्वविद्यालय फिर गलत कारणों से खबरों में आ गया है।
मुगलों के दौर से ताले अलीगढ़ की पहचान बने हुए हैं लेकिन यहां का ताला उद्योग अब संकट में है जिसका खामियाजा इसमें काम करने वाले करीब एक लाख लोग उठा रहे हैं। नोटबंदी ने इस संकट को और गहरा दिया है। या यूं कहें कि इसका दम निकाल दिया है।
आंध्रप्रदेश सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को नकदीरहित लेनदेन करने में सक्षम बनाने के लिए सभी को मुफ्त में मोबाइल फोन देगी। वर्तमान नकदी संकट को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
यातायात में सुगमता तथा नकदी संकट को कम करने के उद्देश्य से सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर 2 दिसंबर मध्यरात्रि तक टोल फ्री कर दिया है। सरकार ने इसके साथ ही यह भी घोषणा की है कि टोल प्लाजा पर 2 दिसंबर की मध्यरात्रि से 15 दिसंबर तक पुराने 500 के नोट स्वीकार किए जाएंगे।
रविचंद्रन अश्विन ने बल्ले से कमाल दिखाने के बाद गेंद से भी धमाल मचाया जिससे भारत ने दूसरे क्रिकेट टेस्ट के दूसरे दिन पहली पारी में 455 रन बनाने के बाद इंग्लैंड का स्कोर पांच विकेट पर 103 रन करके अपनी स्थिति मजबूत कर ली।
मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद करने के सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के एलान से पहले ही अपने दोस्तों और भाजपा के लोगों को आगाह कर दिया था।
गरीबों के लिए लाई गई योजना मनरेगा आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। चालू वित्त वर्ष के लिए अतिरिक्त आवंटन के बावजूद काम मांगने वालों की संख्या बढ़ने से सालभर के लिए आवंटित राशि खत्म हो गई है। गांव के गरीबों को रोजगार मुहैया कराने वाली योजना को आगे चलाने के लिए दस हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग की गई है।