मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह आज संदिग्ध उग्रवादियों की गोलीबारी में बाल-बाल बच गए। यह गोलीबारी उस समय की गई जब वह उखरूल हेलीपैड पर अपने हेलीकॉप्टर से बाहर निकले।
आम आदमी पार्टी ने पंजाब की सत्ता में आने पर शराब माफिया को खत्म करने, छापेमारी राज पर अंकुश लगाने और व्यापार एवं उद्योग को फिर से पटरी पर लाने के लिए कई उठाने तथा कुछ क्षेत्रों के लिए कर में रियायत का वादा किया है।
बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद राज्य में उत्पादित विदेशी शराब व बीयर को निर्यात शुल्क एवं बोटलिंग शुल्क में दी गई छूट को उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने उचित ठहराया है। सुबहानी ने कहा कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद विदेशी शराब और बीयर को निर्यात शुल्क व बोटलिंग शुल्क से मुक्त करना शराबबंदी कानून के हित में है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब मध्य प्रदेश में भी राजनीतिक दायरा बढ़ाने जा रहे हैं। बिहार में बढ़ते विरोधियों के बीच नीतीश अपनी शराब बंदी नीति को आधार बनाकर अन्य राज्यों में विस्तार करना चाहतेे हैं। इसी के तहत वह मप्र में भी इसके लिए आंदोलन को हवा देकर जनाधार खड़ा करने की योजना बना रहे हैं। 16 सितंबर को वह मप्र की यात्रा पर आएंगे और बड़वानी जिले से 'नशा मुक्त मध्य प्रदेश यात्रा' को हरी झंडी दिखाएंगे। अक्टूबर में नीतीश और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव मप्र की यात्रा कर शराबबंदी के पक्ष में जनसभाएं करेंगे।
- आम आदमी पार्टी की शराब नीति के पाखंड का स्वराज अभियान ने किया ख़ुलासा
- शराब बिक्री केंद्रों की संख्या और कमाई में लगातार इज़ाफ़े के बावजूद शराब से नशामुक्ति पर खर्च में भारी कटौती।
-आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा 600 करोड़ के अतिरिक्त रेवेन्यू में से 1 करोड़ रुपये भी नशामुक्ति के प्रचार या अभियान पर खर्च नहीं। शराब से नशामुक्ति के प्रचार पर आप सरकार द्वारा मात्र 1.79 लाख रुपये खर्च
- नशामुक्ति के कार्यक्रम और अभियान पर केजरीवाल सरकार ने मात्र 16000 रुपये खर्च किए
-399 दुकानें खुलीं मगर एक भी नया नशामुक्ति केंद्र नहीं खुला
पंजाब में मादक पदार्थों के अवैध धंधे का सत्ता की राजनीति पर गहरा असर है। यह दोष केवल वर्तमान सत्तारूढ़ दल और सरकार का नहीं है। लगभग तीन दशकों के दौरान जहर की तस्करी और उससे होने वाली अवैध कमाई ने संपूर्ण व्यवस्था को तबाह किया। पंजाब-हरियाणा में अन्य राज्यों की तरह शराब के ठेकों से सरकारी खजाने में बड़ी आमदनी होती है। खजाना भरने के लिए ठेके और शराब की खपत बढ़ती गई। हरियाणा की स्थापना के बाद पहले तो पर्यटन स्थलों पर सरकार ने ही पब और राजमार्गों पर शराब के ठेकों को बढ़ावा दिया। फिर अति उत्साही आदर्शवादी कहलाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में शराबबंदी लागू की। लेकिन जल्द ही अवैध धंधे, जहरीली शराब से लोगों के मरने की नौबत आने पर सरकार ने फैसला बदल दिया।
बिहार में लागू शराबबंदी के बीच गोपालगंज जिले मे 13 लोगों की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गई। आशंका है कि इन सभी की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है। एक गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति का इलाज जिला सदर अस्पताल में जारी है।
संकटों में फंसे शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ जांच एजेंसी सीबीआई ने एक नया मामला दर्ज किया है जो भारतीय स्टेट बैंक को ।,600 करोड़ रुपये के ऋण की अदायगी में कथित गड़बड़ियों से संबंधित है।
इतना तो तय है कि फिलहाल महाराष्ट्र बिहार के रास्ते पर नहीं चल रहा है। महाराष्ट्र के वित्त मंत्री मुनगंटीवार ने शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने को लेकर इनकार कर दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे ने महाराष्ट्र सरकार से शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
स्वामी अग्निवेश ने दोबारा से सक्रिय राजनीति में प्रवेश कर लिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी मुहिम की प्रशंसा करने वाले स्वामी अग्निवेश ने जद यू का दामन थामा है। जद यू बिहार के बाहर शराबबंदी के जरिए अपना फैलाव करना चाहती है। लिहाजा अग्निवेश काेे पार्टी में शामिल करने के पीछे यही रणनीति हो सकती है। सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने राष्ट्रव्यापी शराब बंदी पर जोर दिया है।