केंद्रीय कैबिनेट ने सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीएसईबीसी) के गठन को आज मंजूरी दे दी। इस आयोग को संवैधानिक दर्जा प्राप्त होगा।
केंद्र की मोदी सरकार की कैबिनेट ने बड़ा फैसला किया है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की जगह अब एक नया आयोग बनाया जाएगा, जिसे संवैधानिक दर्जा भी दिया जाएगा।
पटना में गंगा को स्वच्छ रखने के प्रयास के तहत शहर में सक्षम सीवेज ट्रीटमेंट ढांचा तैयार करने के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 1050 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी का बड़ा फैसला लिया गया है। यह राशि दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने, मौजूदा एसटीपी के नवीनीकरण, दो पंपिंग स्टेशनों के निर्माण और लगभग 400 किलोमीटर तक का नया भूमिगत सीवेज नेटवर्क बिछाने पर खर्च की जाएगी।
इस्पात व रिफाइनरी उत्पाद क्षेत्रों के प्रभावी प्रदर्शन के चलते बुनियादी ढांचा क्षेत्र ने अक्तूबर महीने में 6.6 प्रतिशत वृद्धि दर दर्ज की जो कि बीते छह महीने में सर्वाधिक है।
गोरक्षा को देश के अस्तित्व और अस्मिता का विषय बताते हुए भाजपा नेता एवं राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने आज कहा कि गोहत्या पर रोक का संवैधानिक प्रावधान होने के बाद भी आजादी के बाद से इसे क्रियान्वित नहीं किया गया और अब ऐसा वक्त आ गया है कि गोहत्या पर संपूर्ण पाबंदी लगाया जाए और हमें इसका पूरा भरोसा है।
जीएसटी परिषद प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों पर यहां दो दिन चली बैठक में आमसहमति की ओर झुकाव के बावजूद फैसला नहीं कर सकी और इस पर निर्णय अगले महीने के लिए टाल दिया गया है। हालांकि, केंद्र और राज्य विलासिता की वस्तुओं तथा अहितकर उत्पादों पर उच्चतम दर के साथ उस पर उपकर लगाने को लेकर सहमति की दिशा में बढ़ चुके हैं।
रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने बैंकों के मौजूदा रिण मंजूरी ढांचे में बदलाव की वकालत की है। उनका कहना है कि रिण मंजूरी के लिये मौजूदा समिति आधारित व्यवस्था के बजाय किसी एक बैंकर को इसकी जिम्मेदारी उठानी चाहिये और यदि वह परियोजना सफलता के साथ आगे बढ़ती है तो उस अधिकारी को पुरस्कृत भी किया जाना चाहिये।
महत्वपूर्ण कर सुधारों वाला वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक सोमवार को लोकसभा में आएगा। लोकसभा में भी इसे लगभग सभी दलों का समर्थन मिलना लगभग तय माना जा रहा है। कुछ संशोधनों के साथ राज्यसभा में यह पहले ही पारित हो चुका है।
विदेशों में शिक्षा और स्वास्थ्य को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू माना जाता है। लेकिन इससे उलट हमारे देश में इन दोनों क्षेत्रों पर घोर लापरवाही की जाती है। इसका एक सटीक उदाहरण विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में आपको मिल सकता है।