विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित 64 विधेयक संसद में विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं। विधायी घटनाक्रम पर नजर रखने वाले एक अध्ययन समूह ने ये जानकारी दी है।
संसद सत्र सुचारू रूप से चले इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष और संसदीय कार्यमंत्री की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर गतिरोध बरकरार है, इसके अलावा ललित मोदी और व्यापमं घोटाले को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश की लेकिन सरकार की ओर से इसका कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। विपक्षी दलों ने सत्र के दौरान सरकार को घेरने की तैयारी पूरी कर ली है।
मंगलवार से शुरू हो रहे संसद सत्र में विपक्ष के बिखराव का लाभ लेने की फिराक में सरकार जुट गई है। हालांकि भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर ज्यादातर विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं लेकिन अन्य मुद्दों पर कुछ दल चुप्पी साधकर सरकार का साथ दे सकते हैं।
नर्मदा बचाओ आंदोलन के 30 वर्ष पूरे होने पर धरना देने दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे नर्मदा आंदोलनकारियों को आशंका है कि सरकार तीन राज्यों के 245 गांवों के 2.5 लाख लोगों की जिंदगियों को ताक पर रख फिर एक बार बांध की ऊंचाई बढ़ा देगी।
भारत भवन में 10 से 19 जुलाई 2015 तक उत्तर प्रदेश महोत्सव का आयोजन हो रहा है। इस महोत्सव में कला प्रदर्शनी, गायन, वादन, नृत्य, कविता पाठ, वक्तव्य, नाटक, फिल्म प्रदर्शन और व्यंजन मेला आदि कार्यक्रम होंगे।
राष्ट्रपति भवन में चाहे और बहुत कुछ हो मगर सफाई जरा कम है। हाल ही में जारी स्वच्छता अभियान रेटिंग में राष्ट्रपति भवन पिछड़ गया है। राष्ट्रपति भवन को हैदराबाद हाउस, विज्ञान भवन और जवाहरलाल नेहरू भवन ने पछाड़ा है।
आम जनता से सब्सिडी छोड़ने की अपील करने वाली सरकार के लिए संसद की कैंटीन को दी जा रही सब्सिडी मुसीबत बनती जा रही है। केंद्र सरकार ने अब इस मामले से किनारा करते हुए कहा है कि संसदीय समिति को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। संसदीय मामलों के मंत्री एम. वेंकैया नायडू का कहना है यह व्यवस्था काफी समय से चली आ रही है और इसका निर्णय भाजपा सरकार ने नहीं किया है।
भारत के संभवतः सबसे चर्चित और प्रतिष्ठित वास्तुकार (हालांकि मुझे स्थापति शब्द बेहतर नजर आता है) चार्ल्स कोरिया (1924-2015) का मुंबई में 16 जून को निधन हो गया। यह कला और स्थापत्य की दुनिया के लिए बुरी खबर है। उनका जन्म 1 सितंबर, 1930 के दिन सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) में हुआ था। चार्ल्स कोरिया के निधन से कुछ ही दिन पहले चंडीगढ़ के प्रसिद्ध रॉक गार्डन’ के रचनाकार नेकचंद (1924-2015) के न रहने की बुरी खबर मिली थी।