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पीडीपी-भाजपा ने किसी भी मतभेद से किया इनकार

पीडीपी-भाजपा ने किसी भी मतभेद से किया इनकार

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद राज्य में नई सरकार के गठन को लेकर पीडीपी और भाजपा ने दोनों के बीच मतभेदों या नई शर्तों की अटकलों को खारिज कर दिया। दोनों ही दलों के नेताओं ने कहा कि उनके बीच कोई मतभेद नहीं है लेकिन सरकार बनाने मे दोनों कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं। वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सईद के निधन के दो दिनों के बाद भी राज्य में नई सरकार का गठन नहीं होने पर सवाल उठाया है।
सरकार गठन में देरी से जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन

सरकार गठन में देरी से जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है। सरकार के इस निर्णय की जानकारी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी है। मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद नई सरकार के गठन की प्रक्रिया में लग रहे समय की वजह से राज्य में राज्यपाल शासन लागू किया गया है।
महबूबा को समर्थन को लेकर भाजपा ने अभी नहीं खोले पत्ते

महबूबा को समर्थन को लेकर भाजपा ने अभी नहीं खोले पत्ते

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद राज्य में नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर भाजपा आज विधायक दल की बैठक में फैसला लेगी। सईद के निधन के बाद पीडीपी ने महबूबा मुफ्ती को राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया है। लेकिन भाजपा नेताओं का कहना है कि अभी तय नहीं है कि कौन बनेगा मुख्यमंत्री।
नहीं रहे मुफ्ती सईद, महबूबा के मुख्यमंत्री बनने की संभावना

नहीं रहे मुफ्ती सईद, महबूबा के मुख्यमंत्री बनने की संभावना

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद का, प्लेटलेट्स के खतरनाक स्तर तक गिरने के बाद आज दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान में निधन हो गया। वह जम्मू कश्मीर के शक्तिशाली अब्दुल्ला परिवार के साथ मुकाबला करने वाले ऐसे कुशल नेता थे जो देश के पहले मुस्लिम गृह मंत्री बने। पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में पिछले साल एक मार्च को मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालने वाले सईद (79) ने पिछले कुछ दिनों से वेंटीलेटर पर रहने के बाद आज सुबह अंतिम सांस ली।
एक सौम्य राजनेता जिसने कश्मीर की राजनीति बदल दी

एक सौम्य राजनेता जिसने कश्मीर की राजनीति बदल दी

एक गूढ़ वकील से लेकर देश के अब तक के एकमात्र मुस्लिम गृहमंत्री बनने तक का सफर तय करने वाले मुफ्ती मोहम्मद सईद ने एक मंझे हुए राजनीतिक खिलाड़ी की तरह राष्ट्रीय राजनीति और जम्मू-कश्मीर की राजनीति में अपने लिए एक अलग मुकाम बनाया। लगभग छह दशक तक के अपने राजनीतिक जीवन में सईद जम्मू-कश्मीर के ताकतवर अब्दुल्ला परिवार के खिलाफ शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वी शक्ति का केंद्र बनकर उभरे। राजनीति के खेल में हमेशा अपने पत्ते छिपाकर रखने वाले सईद अपने राजनीतिक एजेंडे के अनुरूप चलने के लिए विरोधाभासी विचारधाराओं वाले दलों के साथ भी दोस्ती में गुरेज नहीं करते थे।
जीएसटी विधेयक के लिए नहीं राजी हुए सभी दल

जीएसटी विधेयक के लिए नहीं राजी हुए सभी दल

राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में जीएसटी विधेयक को पारित कराने को लेकर सभी दल राजी नहीं हुए। लेकिन उच्च सदन के सदस्यों ने सत्र के शेष तीन दिन के दौरान छह विधेयकों को पारित कराने का निर्णय किया।
छोटे कद के बड़े अदाकार सईद जाफरी नहीं रहे

छोटे कद के बड़े अदाकार सईद जाफरी नहीं रहे

सत्तर के दशक में फिल्में अलग बन रही थीं तो कलाकार भी अलग थे। मंझौले कद के अभिनेता सईद जाफरी उन्हीं में से एक थे। छियासी साल की आयु में सईद जाफरी ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
महबूबा बन सकती हैं जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री

महबूबा बन सकती हैं जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री

जम्मू और कश्मीर की बागडोर जल्द ही महबूबा मुफ्ती संभाल सकती हैं। मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने भी बेटी महबूबा के राज्य की कमान संभालने की बातों को खारिज नहीं किया है।
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