भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि पहले भाजपा की सरकार बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की अब राममंदिर के निमार्ण के लिए काम करेंगे। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में स्वामी ने कहा कि मैं तो मंत्री नहीं बना, सांसद नहीं बना पर मैंने सबसे ज्यादा योगदान किया कि ये सरकार आए इसके लिए विश्व हिंदू परिषद और संघ के साथ मिलकर काम किया।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की चर्चा भर से बुद्धिजीवियों एवं राजनीतिज्ञों का एक वर्ग छद्म आक्रोश व्यक्त करने लगता है। ऐसा ही तब हुआ जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल की श्रद्धांजलि सभा में राम मंदिर निर्माण के संकल्प को दोहराया। फिर क्या था। संघ पर सांप्रदायिकता, ध्रुवीकरण, न्यायालय की अवहेलना जैसे आरोप मढ़ दिए गए।
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण मुक्ति का एक आपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। आलीशान कार वालों से लेकर ऑटो-मेट्रो में चलने वालों ने भी केजरीवाल सरकार के आदेश के समक्ष समर्पण किया। अदालतों ने हस्तक्षेप से इंकार करने के अलावा न्यायाधीशों को भी नई राह पर चलना सिखा दिया। शीर्षस्थ डॉक्टर और पर्यावरणवादियों ने भरपूर आशीर्वाद दिया।
विश्व हिंदू परिषद ने ऐलान किया है कि सवा लांख गांवों में नए मंदिरों का निर्माण होगा। इस बार रामनवमी से यह काम शुरू हो जाएगा। घोषणा उत्तर प्रदेश में की गई है, लेकिन लक्ष्य देश भर के गांवों का है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में राम मंदिर के निर्माण पर आयोजित सम्मेलन में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कोई भी कार्य बलपूर्वक या कानून के खिलाफ नहीं किया जाएगा। सम्मेलन को लेकर विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के जारी विरोध के बीच स्वामी ने कहा, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हमारी संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए जरूरी है और जब तक इसका निर्माण नहीं होता है तब तक हम इसे नहीं छोड़ेंगे।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है। पत्थरों से लदे दो ट्रकों के अयोध्या पहुंचने पर जिला पुलिस सतर्क हो गई और हालात पर नजर रख रही है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने करीब छह महीने पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की खातिर देशभर से पत्थर इकट्ठा करने का राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था।