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वादा फरामोशी के चलते जनता भाजपा को सबक सिखाएगीः डॉ.शकील

वादा फरामोशी के चलते जनता भाजपा को सबक सिखाएगीः डॉ.शकील

कांग्रेस सचिव और बिहार से विधायक डॉ. शकील अहमद खान का कहना है कि आने वाले समय में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखा देंगे।
चौधरी चरण सिंह के जीवन से सबक लेना चाहिए- हामिद अंसारी

चौधरी चरण सिंह के जीवन से सबक लेना चाहिए- हामिद अंसारी

उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जीवन से सबक लेना चाहिए। चरण्‍ा सिंह ने न केवल किसान और गरीब की बात की बल्कि पूरा जीवन भी सादगी भरा रहा। अंसारी ने चरण सिंह के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘ चरण सिंह और कांग्रेस राजनीति जीवन’ के विमोचन के अवसर पर यह बात कही।
पाक को पहली बार में ही सिखाना चाहिए था सबक : धर्मवती

पाक को पहली बार में ही सिखाना चाहिए था सबक : धर्मवती

जम्मू-कश्मीर के माछिल सेक्टर में सीमा पार से हुए हमले में मारे गए तीन सैनिकों में एक का शव क्षत-विक्षत किए जाने की घटना पर शहीद लांसनायक हेमराज सिंह की पत्नी धर्मवती ने आज यहां कहा कि अगर सरकार ने दुश्मन को पहली घटना के समय ही कड़ा सबक ‌सिखा दिया होता, तो आज बार-बार यह कहने की जरूरत नहीं पड़ती कि सेना दुश्मन को कड़ा सबक सिखाएगी। वर्ष 2013 में नियंत्रण रेखा पर हेमराज शहीद हुए थे।
मोदी को जनता सबक सिखायेगी: मायावती

मोदी को जनता सबक सिखायेगी: मायावती

नोटबंदी और कल की रेल दुर्घटना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि वह इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी की पूंजीवादी सोच और कार्यशैली को जिम्मेदार मानती है और जनता सब देख रही है तथा राज्य विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें सबक सिखायेगी।
आरक्षण पर जाट समुदाय की चेतावनी, यूपी चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएंगे

आरक्षण पर जाट समुदाय की चेतावनी, यूपी चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएंगे

जाट समुदाय ने फैसला किया है कि अगर यूपी विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय सेवाओं और हरियाणा में समाज के लोगों को आरक्षण नहीं मिला तो चुनाव में भाजपा को सबक सिखाया जाएगा। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्‍यों ने यहां तक कहा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का हेलीकॉप्टर भी नहीं उतरने दिया जाएगा।
पर्रिकर के बयान पर आजाद ने पूछा, अल्पसंख्यकों को कैसा सबक सिखाना चाहते हैं

पर्रिकर के बयान पर आजाद ने पूछा, अल्पसंख्यकों को कैसा सबक सिखाना चाहते हैं

राज्यसभा में सोमवार को विपक्षी सदस्यों ने अभिनेता आमिर खान के संबंध में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के कथित बयान का मुद्दा उठाते हुए हंगामा किया। सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश का बताया जाना चाहिए कि देश के अल्पसंख्यकों को वह किस प्रकार का सबक सिखाना चाहते हैं।
महबूबा ने मंत्रियों से कहा, काम करो नहीं तो लोग आपको सबक सिखाएंगे

महबूबा ने मंत्रियों से कहा, काम करो नहीं तो लोग आपको सबक सिखाएंगे

शपथग्रहण के बाद कार्यभार संभालते हुए जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने मंत्रियों से कहा कि वे सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त प्रसाशन दें, नहीं तो लोग अगले चुनाव में आपको सबक सिखाएंगेे।
बिहार से सबक, असम-बंगाल में नहीं होंगे भड़काऊ विज्ञापन

बिहार से सबक, असम-बंगाल में नहीं होंगे भड़काऊ विज्ञापन

चुनाव आयोग ने शनिवार को निर्देश दिया कि असम और पश्चिम बंगाल में तीन और चार अप्रैल को बिना मंजूरी के किसी भी अखबार में विज्ञापन प्रकाशित नहीं होगा। भाजपा द्वारा बिहार चुनावों के दौरान विवादास्पद विज्ञापन जारी होने के परिप्रेक्ष्य में यह कदम उठाया गया है। असम और पश्चिम बंगाल में प्रथम चरण का चुनाव चार अप्रैल को होगा।
हेडली का दावा, हाफिज ने कहा था ठाकरे को सबक सिखाने की जरूरत

हेडली का दावा, हाफिज ने कहा था ठाकरे को सबक सिखाने की जरूरत

पाकिस्तानी अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमेन हेडली ने एक आतंक निरोधी अदालत के सामने खुलासा किया कि लश्कर ए तैयबा के प्रमुख और 26/11 के मुख्य षड़यंत्रकारी हाफिज सईद ने मुंबई आतंकी हमलों से पहले उससे कहा था कि शिवसेना प्रमुख दिवंगत बाल ठाकरे को सबक सिखाने की जरूरत है।
मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

पूर्वोत्तर के बारे में मैं कहना चाहूंगा कि असम एक ऐसा राज्य है, जहां अस्थिरता रही है। 70 के दशक में वहां भारी हंगामा रहा और 80 का दशक आते-आते हंगामा बढ़ता रहा। उसके समाधान के लिए, वहां लोकतंत्र लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जो कदम उठाए वह आज तक किसी ने नहीं उठाए। सन 1985 में वहां हंगामा करने वालों की जीत हुई थी, उन्होंने सरकार चलाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने असम को बरबाद करके छोड़ दिया। उनमें हुकूमत बनाए रखने की क्षमता नहीं थी। लेकिन यह लोकतंत्र है, यहां जो जनता चाहेगी उसी की सरकार बनेगी। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर वोट मिलेंगे। आखिरकार जनता ने सही सरकार चुनी।
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