केन्द्र का कहना है, “सवाल यह है कि ऐसी परिस्थिति में अदालत किन साक्ष्यों को आधार बनाएगी, क्योंकि पति और पत्नी के बीच यौन संबंध का कोई अंतिम साक्ष्य नहीं हो सकता।”
बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियमावली 2017 को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के लागू होने के बाद अब सभी वर्गों को पंजीकरण कराना जरूरी होगा।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी पुरुष और महिला के बीच शारीरिक संबंध या वन नाइट स्टैंड हिंदू कानूनों के तहत विवाह की परिभाषा में नहीं आता। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर उन दोनों ने शादी नहीं की है, तो ऐसे संबंधों से जन्में बच्चे को पिता की संपत्ति में कोई अधिकार नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि मुस्लिम समाज में विवाह-विच्छेद के लिए तीन तलाक देने की प्रथा सबसे खराब है और यह वांछनीय नहीं है, हालांकि ऐसी सोच वाले संगठन भी हैं जो इसे वैध बताते हैं।