तुर्की में एक संदिग्ध इस्लामिक स्टेट आतंकी द्वारा किए गए हमले में 50 लोगों की मौत हो गई। यह हमला सीरिया की सीमा से सटे शहर गाजियनटेप में एक विवाह समारोह में हुआ।
आस्ट्रेलिया के आम चुनावों में करीबी अंतर से मिली जीत के बाद मैल्कम टर्नबुल ने एक और कार्यकाल के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री पद की ली। टर्नबुल की शीर्ष प्राथमिकताओं में बजट में सुधार करना और समलैंगिक विवाह पर सार्वजनिक मतदान कराने का मुद्दा शामिल है।
शहर के बर्रा इलाके में एक विवाह समारोह में डीजे वाले बाबू मेरा गाना तो बजा न बजाए जाने पर बाराती और घराती युवकों के बीच जबरदस्त मारपीट हुई। पुलिस ने इस मामले में दोनो पक्षों के आधा दर्जन युवकों को हिरासत में ले लिया बाद में पुलिस स्टेशन में समझौता हो जाने पर सभी युवकों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
समलैंगिक (एलजीबीटी) समुदाय का हिस्सा होने का दावा करने वाली कुछ मशहूर हस्तियों ने उच्चतम न्यायालय का रूख कर आईपीसी की धारा 377 को रद्द करने की गुहार लगाई है। आईपीसी की धारा 377 के तहत देश में समलैंगिकता एक दंडनीय अपराध है। इस अर्जी पर कल सुनवाई होने की संभावना है।
भारत में एक दशक में खेतिहर मजदूरों समेत आर्थिक गतिविधियों की विभिन्न श्रेणियों में शामिल लोगों के विवाह की औसत आयु में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। जिसे सकारात्मक माना जा रहा है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता ललित कोल्हे ने बीते तीन सालों में पांच बार विवाह किया है। पांचवीं पत्नी भक्ति से मारपीट के संबंध में पत्र मिलने के बाद उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कोल्हे पर केस दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं। कोल्हे महाराष्ट्र के जलगांव के उप महापौर हैं।
ओरलैंडो के समलैंगिक क्लब पर हुए आतंकवादी हमले के दौरान कई लोगों की जान बचाने को लेकर भारतीय मूल के एक पूर्व मरीन की खूब प्रशंसा हो रही है। इस हमले में 49 लोगों की मौत हो गई थी।
बांग्लादेश पुलिस ने देश की पहली समलैंगिक पत्रिका के संपादक और उनके मित्र की हत्या के मामले में एक संदिग्ध आतंकी की गिरफ्तारी की घोषणा की है। यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर की गई है, जब मुस्लिम बहुल इस देश में एक के बाद एक बुद्धिजीवियों, लेखकों और अल्पसंख्यकों की हत्याएं हुई हैं।
बांग्लादेश के दक्षिण पश्चिम में स्थित एक बौद्ध मठ में रहने वाले एक 70 वर्षीय उम्रदराज बौद्ध भिक्षु की कुछ अज्ञात लोगों ने मठ के भीतर हत्या कर दी। सिर्फ एक ही हफ्ते पहले इसी तरह के एक हमले में एक मुस्लिम सूफी प्रचारक की हत्या कर दी गई थी।
सूखे का प्रभाव बच्चों पर भी पड़ने लगा है। बालश्रम के लिए कार्यरत संस्था बचपन बचाओ आंदोलन के संस्थापक और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने सूखे से प्रभावित बच्चों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है।