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गूगल इनपुट से लेकर मिश्री टपकाते गानों तक, ये हैं हिंदी के लिए उम्मीदों के दीए

गूगल इनपुट से लेकर मिश्री टपकाते गानों तक, ये हैं हिंदी के लिए उम्मीदों के दीए

पिछले कुछ सालों में गूगल इनपुट से लेकर मिस्री टपकाते गानों, कहानियों के जरिए हिंदी मुस्कुरा उठी है। आइए इन उम्मीदों के जगमग दीयों की ओर निहारें।
कर्नाटक: सरकारी एम्बुलेंस से डॉक्टर ने अपने क्लीनिक पहुंचाया फर्नीचर और सिलेंडर

कर्नाटक: सरकारी एम्बुलेंस से डॉक्टर ने अपने क्लीनिक पहुंचाया फर्नीचर और सिलेंडर

देश में एक ओर जहां मरीजों को एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिल पा रही हैं, वहीं कर्नाटक में एक सरकारी डॉक्टर एम्बुलेंस का इस्तेमाल अपने व्यक्तिगत कामों में करने का मामला सामने आया है।
अखिलेश का आरोप,

अखिलेश का आरोप, "जनता की फिक्र नहीं, विधायक तोड़ने में इस्तेमाल हो रहा है सरकारी तंत्र"

गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में बीते 48 घंटों में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत पर सियासत गरमा गई है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकारी नौकरी में प्रमोशन के आरक्षण को किया खत्म

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकारी नौकरी में प्रमोशन के आरक्षण को किया खत्म

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए 2004 के एक सरकारी प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इस प्रस्ताव में महाराष्ट्र सरकार की ओर सरकारी नौकरी में प्रमोशन को लेकर आरक्षण लागू किया गया था।
सरकारी स्कूल में 12वीं पढ़ रहे लड़के ने पाई गूगल में नौकरी, सैलरी जानकर हो जाएंगे हैरान

सरकारी स्कूल में 12वीं पढ़ रहे लड़के ने पाई गूगल में नौकरी, सैलरी जानकर हो जाएंगे हैरान

चंडीगढ़ के एक सरकारी स्कूल में 12 वीं क्लास की पढ़ाई करने वाले छात्र को अब गूगल में नौकरी मिलने जा रही है।
शिवसेना ने नोटबंदी और GST को बताया गलत, कहा- अच्छे दिन सिर्फ सरकारी विज्ञापनों में

शिवसेना ने नोटबंदी और GST को बताया गलत, कहा- अच्छे दिन सिर्फ सरकारी विज्ञापनों में

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर केंद्र मोदी सरकार निशाना साधा है। बीजेपी के अच्छे दिन के वादे पर कटाक्ष करते हुए ठाकरे कहा कि अच्छे दिन सिर्फ सरकारी विज्ञापनों में ही दिखाई दे रहे हैं, बाकी सिर्फ आनंद ही आनंद है।
मिसाल: सरकारी स्कूल में कलेक्टर ने कराया अपनी बेटी का दाखिला

मिसाल: सरकारी स्कूल में कलेक्टर ने कराया अपनी बेटी का दाखिला

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में बेहाल शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में कलेक्टर अवनीश शरण का बहुत बड़ा हाथ है। ये पहला मौका नहीं है, जब अवनीश ने अपनी बेटी का एडमिशन सरकारी स्कूल में कराया, इससे पहले उन्होंने अपनी बेटी को 9 माह तक आंगनबाड़ी में पढ़ाया था।
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