गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के पद छोड़ने की घोषणा के एक दिन बाद इस बात को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं कि 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले उनका उत्तराधिकारी कौन होगा। राज्य में भाजपा के समक्ष दो दशक से चले आ रहे जीत के सिलसिले को बनाए रखने की चुनौती होगी।
आनंदीबेन पटेल के गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटने संबंधी फैसला लेने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि किसी को बलि का बकरा बना देने से भाजपा स्वयं को राज्य में नहीं बचा पाएगी क्योंकि राज्य के जलने के लिए नरेंद्र मोदी का 13 साल का शासन जिम्मेदार है। गांधी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा, गुजरात के जलने के लिए आनंदीबेन का दो साल का शासन नहीं, बल्कि मोदी शासन के 13 साल जिम्मेदार हैं।
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटने की पेशकश की है। उन्होंने यह कहते हुए पद छोड़ने की मंशा जताई कि दो महीने के बाद वह 75 वर्ष की हो जाएंगी और ऐसे में पार्टी की नीतियों के तहत वह अपना पद छोड़ देंगी। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर यह घोषणा की है।
नर्मदा बचाओ आंदोलन की मुख्य कर्ता पर्यावरणविद मेधा पाटकर ने कहा है कि गुजरात में अदानी व अंबानी की कंपनियों को पानी देने के लिए सरदार सरोवर बांध का जलस्तर बढ़ाया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों को इस बात की चिंता नहीं है कि इससे कितने गांव और परिवार डूबने वाले हैं। नर्मदा नदी के दोहन पर भी उन्होंने एक बड़ा बयान दिया है। मेधा ने कहा हैै कि कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नर्मदा नदी को वेश्या बना दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आपत्तिजनक टिप्पणी विवाद मे कूदते हुए मायावती पर निशाना साधा। पटेल ने शनिवार को कहा कि मायावती पर की गई अपमानजनक टिप्पणी की प्रतिक्रिया में बसपा प्रमुख और उनके समर्थकों की प्रतिक्रिया उससे भी अधिक आपत्तिजनक है।
पाकिस्तान में मॉडल कंदील बलोच की उसके छोटे भाई वसीम ने हत्या कर दी थी। उसके पिता को अपनी बेटी को नहीं बचा पाने का मलाल है। पिता का कहना है कि उनके बेटे को देखते ही 'गोली मार' देनी चाहिए। वसीम कह चुका है कि उन्होंने अपनी बहन को गला घोंटकर मार डाला।
सरकार ने आज लोकसभा में कहा कि भारतीय चिकित्सा संस्थानों में कुल मिलाकर शोध की हालत खराब है और वर्ष 2005 से 2014 के बीच सैकड़ों मेडिकल चिकित्सा संस्थानों ने एक भी शोध पत्र प्रकाशित नहीं किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जब से देश और भाजपा की कमान संभाले हैं तब से पार्टी के 75 साल पार हो चुके बड़े-बुजुर्ग नेताओंं को धीरे-धीरे किनारे किया जा रहा है। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को मार्गदर्शक का दर्जा देकर सक्रिय राजनीति से अलग किया गया। शांता कुमार और यशवंत सिन्हा को भी अलग-थलग कर दिया गया। इसके बाद मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर और सरताज सिंह समेत कुछ अन्य मंत्रियों को राज्य मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया।