‘हम मुस्लिम समुदाय के सामान्य नागरिक, कलाकार,बुद्धिजीवि, लेखक और कवि इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि भारत में मुस्लिम समुदाय विभिन्नताओं , मत-मतांतरों और विषमताओं से भरा है। मुसलमानों का की भी एक संगठन या जन समूह पूरे समुदाय की तरफ से बोलने का दावा नहीं कर सकता है।’ कॉन्सटीट्यूशन क्लब में तीन तलाक, यूनुफॉर्म सिविल कोड और समानता के लिए महिलाओं का संघर्ष विषय पर आयोजित गोष्ठी में यह बात सामने आई। यह गोष्ठी एडवा, अनहद और शिक्षा की ओर से आयोजित की गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वनों के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन वहां रहने वाले आदिवासियों की कीमत पर नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने उन लोगों के अधिकार छीनने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।
फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत मिलने वाले विदेशी फंड का बड़ा हिस्सा झारखंड में धर्मांतरण कराने में उपयोग किया जा रहा है। पिछले तीन वर्षो में झारखंड में धार्मिक संस्थाओं द्वारा संचालित स्कूलों को 3.10 अरब रुपये दान में मिले हैं। विशेष शाखा ने यह रिपोर्ट सरकार को उपलब्ध कराई है। इसमें विदेशी फंड का उपयोग जबरन धर्म परिवर्तन के लिए किए जाने की आशंका जताई गई है। इसकी सीआइडी से जांच कराने की अनुशंसा की गई है।
मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने कहा है कि देश में कुछ तबको के द्वारा तीन तलाक परंपरा की गैर इस्लामी व्याख्या की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस्लाम असमानता का धर्म नहीं हैै। उन्होंने कहा कि 'तीन तलाक' (लगातार तीन बार तलाक बोल कर वैवाहिक संबंध तोड़ना) की परंपरा की व्याख्या सही ढंग से नहीं की जा रही है। नजमा के अनुसार इस्लाम में एक बार में तीन तलाक की कोई संकल्पना नहीं है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर देश के तमाम मुस्लिम संगठन एक मंच पर आ चुके हैं। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि किसी भी सूरत में यूनिफॉर्म सिविल कोड मंजूर नहीं किया जाएगा। मुस्लिम संगठनों ने यहां तक कहा कि मोदी सरकार से सरहद तो संभल नहीं रही है और वह अंदरूनी जंग के लिए फिजा तैयार कर रही है।
गुजरात के दलित समुदाय के 200 से अधिक लोगों ने विजयादशमी के मौके पर बौद्ध संगठनों द्वारा आयोजित तीन अलग-अलग कार्यक्रमों में बौद्ध धर्म अपनाया। वहीं राज्य के 90 अन्य लोगों ने नागपुर में धर्मांतरण किया और इस तरह कुल 300 से अधिक दलितों ने बौद्ध धर्म को ग्रहण किया।
उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंकते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजधानी लखनऊ में दशहरा मनाने को राजनीतिक स्वार्थ करार दिया और कहा कि भाजपा को अब धर्म की राजनीति करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
इंडिया फाउंडेशन का धर्म और समाज अध्ययन केंद्र भोपाल में दो दिवसीय धर्म-धम्म कान्फ्रेंस करा रहा है। दो दिवसीय यह कान्फ्रेंस 19-20 अक्टूबर 2016 को होगी। चौथे अंतरराष्ट्रीय धर्म-धम्म कान्फ्रेंस में इस बार का विषय होगा, धर्म और राजतंत्र।
इस्लामिक गुरु डॉ. जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की तरफ से राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को 50 लाख रुपये दिए जाने को मुस्लिम विद्वानों ने अनुचित करार दिया है। नई दिल्ली के सूफी पीस फाउंडेशन के अध्यक्ष मौलाना डॉ. हफीज़ुर्रहमान मिसबाही ने कहा कि अगर नाइक ने जकात (दान) की राशि दी, तो उन्होंने लाभार्थी मुसलमानों और जकात अदा दोनों के साथ धोखा किया है। जकात की यह राशि वास्तव में डॉ. नाइक ने गरीब मुसलमानों और विधवाओं तक पहुंचाने के लिए प्राप्त की होगी। जकात की मंशा के खिलाफ इस राशि का इस्तेमाल सही नहीं है।