अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट की वजह से भारत में भी लोगों को राहत देते हुए तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम घटा दिए हैं।
अभी तक जनता से एलपीजी सब्सिडी छोड़ने की अपील करने वाली मोदी सरकार जल्द ही आबादी के एक बड़े वर्ग को इससे वंचित कर सकती है। सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा कमाई करने वाले लोगों के अलावा लग्जरी कार और क्रेडिट कार्ड का अधिक इस्तेमाल करने वालों को भी एलपीजी सब्सिडी से हाथ छोना पड़ सकता है।
मूसलाधार बारिश से जूझ रही चेन्नई में तीसरा फ़्यूल ज़िल्ट कॉन्फरेंस 2015 सफलतापूर्वक रविवार 22 नवंबर को संपन्न हुआ। भाषाई कंप्यूटिंग के लिए मानक भाषाई संसाधन और औज़ार बनाने में पिछले सात सालों से जुटी फ़्यूल परियोजना के द्वारा 2013 में आरंभ किए गए इस सम्मेलन के प्रायोजक और आयोजक दुनिया की जानी-मानी कंपनियां मोज़िला, सी-डैक और रेड हैट हैं। इसके पहले के दोनों सम्मेलन पुणे में आयोजित किए गए थे। यह सम्मेलन लोकलाइजेशन क्षेत्र का ओपन सोर्स का सबसे बड़ा सम्मेलन है।
पूर्व बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने शनिवार को अपने बचाव में कहा कि पिछले पदाधिकारियों के कार्यकाल के दौरान जिस ब्रिटिश स्थित कंपनी पेज प्रोटेक्शन सर्विसेस की सेवाएं ली गई थी, उसने उनके सचिव रहते हुए किसी बोर्ड अधिकारी की जासूसी नहीं की।
शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा लिए गए दो फैसलों से देश में महंगाई की आग और भड़कने वाली है। एक फैसला पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ोतरी का है जिसके तहत केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल पर 1.6 रुपये और डीजल पर 40 पैसे प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है।
भारत में अछूत जाति को बराबरी का दर्ज दिलाने और स्वच्छता की दिशा में काम करने वाले सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक को ब्रिटेन की एक प्रतिष्ठित पत्रिका ने अपनी वैश्विक विविधता सूची में शामिल किया है।
ग्रीनपीस इंडिया ने आज एक बयान जारी कर दावा किया कि संस्था के तौर पर उसके पंजीकरण को तमिलनाडु में रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज ने रद्द कर दिया है। इस कार्रवाई को ग्रीनपीस ने स्वतंत्र अभिव्यक्ति और असहमति के स्वर को दबाने का प्रयास करार दिया है।
कीड़े-मकौड़ों की तस्वीरें खींचने का उसे ऐसा जुनून था कि वह इसके लिए घरवालों से चोरी जंगलों में मारा-मारा फिरने लगा। हर मध्यम वर्गीय परिवार के मुखिया की तरह उसके पिता का सपना था कि वह पढ़ाई कर एक अदद सी सरकारी नौकरी पा ले या घर की खेती संभाले लेकिन सपनों के पंख उसे जंगलों में जानवरों, पेड़ों, पानी और कीड़ों की दुनिया में ले जाते। जो चांदी का चम्मच मुंह में लिए पैदा नहीं होते उनका संघर्ष कई गुना होता है, शायद इसीलिए उसने जानवरों और जंगलों की तस्वीरों को ही ओढ़ना, पढ़ना, खाना और जीना शुरू कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि बिना फोटोग्राफी की कोई तालीम लिए इस 25 वर्षीय युवा वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर सतपाल सिंह की गिनती दुनिया के बेहतरीन वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफरों में होने लगी। इस वर्ष का नेचर बेस्ट फोटोग्राफर एशिया अवॉर्ड सतपाल सिंह की एक तस्वीर को मिला है। इसी महीने 9 तारीख को इन्हें अमेरिका में सम्मानित किया जाएगा।
(वह तस्वीर जिसे अवॉर्ड मिला है।)
पुलिस प्रशिक्षण के एक प्रमुख अधिकारी ने अमेरिकी संघीय जूरी को बताया कि इस साल शुरू में अमेरिका के एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने एक भारतीय बुजुर्ग व्यक्ति के खिलाफ बेहद हिंसक तरीके अपनाए थे, जिससे वह आंशिक तौर पर लकवाग्रस्त हो गया था।