खगोल विज्ञानियों ने गुरुवार को कहा कि पहली बार धरती के आकार जैसे सात नए ग्रहों की खोज की गई है जहां जीवन की संभावना है। ये ग्रह 39 प्रकाश वर्ष दूर एक तारे की परिक्रमा कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का मानना है कि भाजपा को ज्वाइन करना उनके जीवन की सबसे बड़ी ट्रेजेडी है। अधिवक्ता ने कहा कि मैं पार्टी का फाउंडर मेंबर और पहला ऑल इंडिया वाइस प्रेसिडेंट भी रहा हूं।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को कहा कि देश में कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक है। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय के मामले में हम कहां खड़े हैं ? सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी यह एक सवाल है जो गणराज्य के लोग राज्य से पूछ सकते हैं।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जीवन से सबक लेना चाहिए। चरण्ा सिंह ने न केवल किसान और गरीब की बात की बल्कि पूरा जीवन भी सादगी भरा रहा। अंसारी ने चरण सिंह के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘ चरण सिंह और कांग्रेस राजनीति जीवन’ के विमोचन के अवसर पर यह बात कही।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर कोई कितना भी आरोप लगाए कि उसके हाथ में मौजूदा सरकार का रिमोट कंट्रोल है, लेकिन संघ प्रमुख को इसकी चिंता से ज्यादा चिंता है कि हिंदूत्व के मूल पर एक मजबूत देश का निर्माण हो और सुदृढ़ भारत के साथ एक ऐसा सही नेता का निर्माण हो जो हिंदुत्व के जीवन दर्शन से युक्त हो।
‘धर्म न केवल मनुष्य बल्कि प्राणिमात्र की एकता और सौहार्द्र की सीख देते हैं। अहिंसा और प्रेम हर धर्म के मूल में हैं। समाज का कोई भी धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वीकृति नहीं देता।’ सद्भावना सेवा संस्थान एवं इंटरफेथ फाउंडेशन के तत्वावधान में हुए “सामाजिक, धार्मिक परिदृश्यः परिवर्तन और जिम्मेदारियां” विषयक सेमिनार में आए विचारों का लब्बोलुआब करीब-करीब यही था।
नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर के गुलमोहर हॉल में सद्भावना सेवा संस्थान एवं इंटरफेथ फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 9 दिसंबर, गुरुवार को किया जा रहा है। विषय है- ‘सामाजिक-धार्मिक परिदृश्य - सामाजिक परिवर्तन और जिम्मेदारियां।’
देशभर के सिनेमाघरों में फिल्म दिखाने से पहले राष्ट्रगान जरूर बजाने और इस दौरान लोगों को सम्मान स्वरूप खड़ा होने के शीर्ष अदालत द्वारा कल दिये गये निर्णय पर भोपाल के याचिकाकर्ता एवं इंजीनियर से सामाजिक कार्यकर्ता बने श्याम नारायण चौकसे ने संतोष व्यक्त किया है।
अहम सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर आधारित फिल्म बनाने वाले निर्देशक प्रकाश झा का कहना है कि इस देश में पूरी तरह से राजनीतिक फिल्म बनाना असंभव है, क्योंकि यहां अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।