आरएसएस के एक बड़े नेता ने गोरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है। कहा गया कि गोरक्षा को लेकर राजनीति करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे संघर्ष का रूप देना सामाजिक पाप है।
ट्रंप प्रशासन ने चीन और जापान समेत अपने छह बड़े व्यापारिक साझेदारों के मुद्रा संबंधी क्रियाकलापों पर करीबी नजर रखने के लिए इन्हें निगरानी सूची में डाल दिया है। वित्त मंत्रालय ने कांग्रेस को सौंपी अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा कि उसने निगरानी सूची में चीन, जर्मनी, जापान, कोरिया, स्विट्जरलैंड और ताइवान का नाम डाला है।
सांसद रवींद्र गायकवाड़ की हवाई यात्रा पर प्रतिबंध हटाने की शिवसेना की मांग को नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू द्वारा स्वीकार नहीं करने के बाद लोकसभा में अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। केंद्रीय मंत्री अनंत गीते समेत शिवसेना सदस्यों ने सदन में ही राजू को घेर लिया। सरकार ने इस मुद्दे का जल्द सर्वस्वीकार्य समाधान निकालने का भरोसा दिया।
संसद की एक समिति ने स्वास्थ्य विभाग से कहा है कि वह देश के खाद्य सुरक्षा नियामक एफ.एस.एस.ए.आई के कोष के खर्च न हो पाने की चलन रोके और एक समयबद्ध तरीके से खाद्य परीक्षण प्रणाली की मजबूती सुनिश्चित करे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि पत्रकारिता का देश के सामाजिक सुधार के साथ लोगों में जागरुकता लाने में अहम योगदान है। राष्ट्रपति ने कहा कि देश की आजादी से लेकर वर्तमान में पत्रकारिता ने कई आयामों की स्थापना की है।
राजनीतिक कार्यकर्ता शाजिया इल्मी ने कहा कि पितृसत्तात्मकता एक मानसिकता है और नारीवाद इसी मानसिकता के खिलाफ लड़ाई है और यह किसी विशेष लिंग तक सीमित नहीं है। शाजिया ने बी बोल्ड फाॅर ए चेंज शीर्षक पर पैनल की चर्चा में यह बात कही। यह विषय इस साल के अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का भी थीम है।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को कहा कि देश में कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक है। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय के मामले में हम कहां खड़े हैं ? सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी यह एक सवाल है जो गणराज्य के लोग राज्य से पूछ सकते हैं।
संसद का शुक्रवार का दिन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया शीतकालीन सत्र नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ गया तथा एक माह तक चले इस सत्र में गतिरोध के कारण विशेष विधायी कामकाज नहीं होने पर दोनों सदनों में आसन की ओर से चिंता जताई गई।
‘धर्म न केवल मनुष्य बल्कि प्राणिमात्र की एकता और सौहार्द्र की सीख देते हैं। अहिंसा और प्रेम हर धर्म के मूल में हैं। समाज का कोई भी धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वीकृति नहीं देता।’ सद्भावना सेवा संस्थान एवं इंटरफेथ फाउंडेशन के तत्वावधान में हुए “सामाजिक, धार्मिक परिदृश्यः परिवर्तन और जिम्मेदारियां” विषयक सेमिनार में आए विचारों का लब्बोलुआब करीब-करीब यही था।
तीन तलाक पर राजनीतिक घमासान के बीच इसे लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुस्लिम समुदाय से सीधे संवाद में जुट गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से हलफनामा मांगे जाने के बाद से संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी लगातार मुस्लिम धर्म गुरुओं व बुद्धिजीवियों के संपर्क में हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी इस मुद्दे पर पहली बार धर्म गुरुओं और मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात कर उनकी राय जानने की कोशिश की है।