भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि के विभिन्न पहलुओं पर 20 और 21 मार्च को लाहौर में बातचीत होगी। उरी में आतंकी हमले के बाद भारत ने इस संधि पर पाकिस्तान से बातचीत निलंबित करने का फैसला किया था। अब करीब छह महीने बाद स्थायी सिंधु आयोग:पीआईसी: की बैठक होगी।
पाकिस्तान के 39 कैदियों को रिहा करने के बाद आगे और सौहार्द्रपूर्ण संबंध बनाने की दिशा में भारत सक्रिय हो गया है। इसी क्रम में भारत अब पाकिस्तान के साथ सिंधु जल पर बातचीत को तैयार हो गया है। मीडिया की माने तो स्थायी सिंधु आयोग की बैठक इस महीने लाहौर में होने वाली है। भारत इस बैठक का हिस्सा हो सकता है।
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में समान विचारधारा वाली सपा जैसी पार्टियों के साथ चुनाव से पहले गठबंधन किए जाने की संभावना से आज इनकार नहीं किया। वहीं, इसकी मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने युवा अखिलेश यादव के पक्ष में इस मुकाबले से हटने की पेशकश की है।
पार्टी के रूख का अनुसरण करते हुए शीला दीक्षित ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाया और इस बात पर हैरत जतायी कि वह रिश्वत दिए जाने से संबंधित सहारा बिड़ला दस्तावेजों की स्वतन्त्र जांच से झिझक क्यों रहे हैं। इससे पहले दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने इन दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया था जिससे उन्होंने अपनी पार्टी को बचाव मुद्रा में ला दिया था।
राहुल गांधी द्वारा सहारा डायरियों को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधे जाने के बीच आज एक विवाद शुरू हो गया जब कांग्रेस ने इससे जुड़ी एक सूची ट्विटर पर जारी कर दी जिसमें कांग्रेस नेता शीला दीक्षित का भी नाम कथित तौर पर शामिल है। इसके बाद शीला दीक्षित ने उन दस्तावेजों को तवज्जो नहीं दी।
साहित्य अकादेमी, दिल्ली ने कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए क्रमशः दो विद्वान लेखकों—उत्तरी के लिए डॉ. आनंदप्रकाश दीक्षित और दक्षिणी के लिए नागल्ला गुरुप्रसाद राव समेत छह लेखकों को साहित्य अकादेमी भाषा सम्मान नवाजने की घोषणा की है।
पाकिस्तान ने कहा है कि वह सिंधु नदी जल समते (आईडब्ल्यूटी) में किसी भी प्रकार के बदलाव को स्वीकार नहीं करेगा। गौरतलब है कि भारत 56 साल पुराने समझौते के क्रियान्यवन के साथ ही द्विपक्षीय मतभेद निवारण पर जोर दे रहा है।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित सूबे में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने अपनी इस मंशा से कांग्रेस आलाकमान को भी अवगत करा दिया है। हालांकि शीला दीक्षित का कहना है कि चुनाव नहीं लड़ने पर यह उनका अपना फैसला है। लेकिन इस पर पार्टी आलाकमान का निर्णय ही अंतिम होगा।