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Search Result : "सिद्धार्थ रॉय कपूर"

हो गया प्यार का पंचनामा

हो गया प्यार का पंचनामा

नए जमाने की कहानियां अब इतने नए जमाने की हो गई हैं कि यह फिल्में सिर्फ एक खास पीढ़ी को ही अच्छी लग सकती हैं। प्यार का पंचनामा का पहला भाग भी ठीक ठाक चल गया था तो इसका सीक्वेल भी अच्छा चल जाने की पूरी उम्मीद है। पूरे देश के विश्वविद्यालय के छात्र भी अगर इस फिल्म को देख लेंगे तो निर्माता के पूरे पैसे वसूल हो जाएंगे।
किसने बनाया ऋषि को चिंटू

किसने बनाया ऋषि को चिंटू

चिंटू उपनाम से मशहूर ऋषि कपूर का नाम चिंटू कैसे पड़ा इसके पीछे एक दिलचस्प दास्तां है। लेकिन उन्हीं की जुबानी सुनने के लिए उनके प्रशंसकों को टेलीविजन का एक शो देखना होगा।
शाहिद को मिली खुली छूट

शाहिद को मिली खुली छूट

शाहिद कपूर की शादी को तीन महीने बीत गए हैं। मीरा के साथ उनकी जिंदगी ठीक ठाक चल रही है इसके बहुत सारे सुबूत समय-समय पर मिलते रहते हैं।
कर देनदारी से बचने का दौर अब समाप्तः सीबीडीटी

कर देनदारी से बचने का दौर अब समाप्तः सीबीडीटी

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की चेयरपर्सन अनीता कपूर ने आगाह करते हुए गुरुवार को कहा कि कर देनदारी से बचने का समय अब बीत चुका। जो लोग अपने कारोबारी ढांचे के सहारे अपनी कर देनदारी को कम से कम रखने का प्रयास करते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आते ही छा गया प्रेम

आते ही छा गया प्रेम

सलमान खान यदि छींक भी दें तो उनके प्रशंसक उस खबर को जानना चाहते हैं। फिर यहां तो बात उनकी आने वाली नई फिल्म की है। दीवाली के मौके पर उनकी नई फिल्म प्रेम रतन धन पायो आने वाली है और हंगामा है कि अभी से बरप रहा है।
सार्थक व्यंग्य की प्रतिष्ठा

सार्थक व्यंग्य की प्रतिष्ठा

अखबारों में बहुत छपते रहने के बावजूद हिंदी व्यंग्य की गुणवत्ता पर बहस होती रहती है। इस संदर्भ में मालिश महापुराण को पढ़ना सुखद अनुभव है।
तान और तरानों में ‘संतोष’ का ‘आनंद’

तान और तरानों में ‘संतोष’ का ‘आनंद’

कभी संजीदगी, कभी खिलखिलाहट और कभी आंखों से बहते हुए आंसू। कलाकारों की बांसुरी और उनकी आवाज से अपने नगमों को सुनकर नामचीन गीतकार संतोष आनंद के चेहरे पर कई भाव आ और जा रहे थे। पूरी महफिल उन्हें खुश होते देखकर खुश होती थी और उन्हें गमगीन देखकर रो पडती, लेकिन सबको खुशी इस बात की थी कि ठीक एक साल पहले अपने बेटे और बहू की असामयिक मौत के गम को पीछे छोड़ते हुए वह अपनी जिंदगी में आगे की ओर बढ़े रहे हैं।
यह कैलेंडर बदल दो

यह कैलेंडर बदल दो

साल तो आप नहीं बदल सकते, मगर पसंद न आने पर कैलेंडर तो बदल ही सकते हैं। तो यकीन मान कर चलिए यह ‘कैलेंडर’ अगला हफ्ता आते-आते तक बदल जाएगा।
संघ ने किया था आपातकाल का समर्थनः पूर्व आईबी प्रमुख

संघ ने किया था आपातकाल का समर्थनः पूर्व आईबी प्रमुख

देश में आपातकाल की घोषणा कर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जितनी आलोचनाएं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके राजनीतिक दल की झेलीं, उतनी आलोचना शायद ही किसी और राजनीतिक दल ने की हो। लेकिन अब खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख टीवी राजेश्वर की मानें तो संघ ने भी आपातकाल का समर्थन किया था और उस वक्त के संघ प्रमुख बालासाहेब देवरस ने इंदिरा गांधी से संपर्क साधने की भी कोशिश की थी।
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