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Search Result : "सिनेमा हाल"

धर्म और धुंध

धर्म और धुंध

संजीव श्रीवास्तव पेशे से टीवी पत्रकार हैं। उनकी एक पुस्तक - समय, सिनेमा और इतिहास भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित है। संजीव की कविताओं में धर्म, राजनीति और इस सबके बीच पिसती मनुष्यता का ऐसा विवरण है जो किसी को भी सोचने पर मजबूर कर सकता है।
तो डूब जाएंगे बॉलीवुड के 600 करोड़ रुपये

तो डूब जाएंगे बॉलीवुड के 600 करोड़ रुपये

प्रेम रतन धन पायो, बजरंगी भाईजान, शुद्धि, दबंग 3, पार्टनर 2, सुल्तान, नो एंट्री में एंट्री, शेरखान, इन सभी नामों में एक चीज आम है और वह हैं सलमान खान। इन सभी फिल्मों के निर्माताओं ने सलमान खान के नाम पर पैसा लगाया या लगाने वाले हैं और अब अगर सलमान खान जेल चले गए तो जाहिर है कि ये फिल्मे लटक जाएंगी।
मोदी को मिली मनीषा से तारीफ

मोदी को मिली मनीषा से तारीफ

हमारा पड़ोसी देश नेपाल भूकंप की त्रासदी झेल रहा है। इस कठिन वक्त में भारत ने न सिर्फ मदद के हाथ बढ़ाए हैं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरसंभव मदद का वादा भी किया है। इसी मदद से अभिभूत बॉलीवुड अदाकारा मनीषा कोईराला ने नरेंद्र मोदी को धन्यवाद ज्ञापित किया है। नेपाल की रहने वाली मनीषा बॉलीवुड में अभी भी अपनी फिल्मो - 1947 अ लव स्टोरी, सौदागर और लज्जा के लिए जानी जाती हैं।
मधुर भंडारकर की उदासी का कारण

मधुर भंडारकर की उदासी का कारण

अपनी पहली पाक यात्रा को लेकर उत्साहित मधुर भंडारकर को मायूसी का सामना करना पड़ा। सुरक्षा कारणों के चलते यह फिल्म उत्सव रद्द करना पड़ा। मधुर बेसब्री से इस यात्रा का इंतजार कर रहे थे।
हिट एंड रन मामला: छह मई को आएगा फैसला

हिट एंड रन मामला: छह मई को आएगा फैसला

वर्ष 2002 में हुए उस हिट एंड रन मामले की सुनवाई कर रही एक सत्र अदालत छह मई को अपना फैसला सुनाएगी जिसमें बॉलीवुड के अभिनेता सलमान खान कथित तौर पर लिप्त हैं।
नीरजा भनोत बनेंगी सोनम

नीरजा भनोत बनेंगी सोनम

जिस दिलेरी से नीरजा भनोत ने आतंकवादियों का सामना किया वह आज भी काबिल ए तारीफ है। वह अकेली और निहत्थी आतंकवादियों से डरे बिना सारे यात्रियों को बाहर निकालने में जुट गई थीं। जिस फ्लाइट में वह अटेंडेट थीं उसका आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था। अब उन्हीं के जीवन पर फिल्म बन रही है।
40 साल की हो गई ‘सामना’

40 साल की हो गई ‘सामना’

पुराने दौर की मराठी फिल्म ‘सामना’ के चालीस साल पूरे हो गए है। इस मौके पर फिल्म से जुड़े लोगों ने अपनी यादें ताजा की। इस फिल्म को बर्लिन फिल्म फेस्टीवल में खूब सराहना मिली थी
समीक्षा- मि. एक्स

समीक्षा- मि. एक्स

किसी साधारण बात को खास बनाने की जो भी संभव कोशिश हो सकती है, विक्रम भट्ट ने की है। थ्रीडी चश्मा, गायब होने वाला नायक, अंग्रेजी फिल्मों की तरह मारधाड़, विज्ञान के (कृपया बेतुका पढ़ें) चमत्कार आदि-आदि। फिर भी बेचारे दर्शक को समझ नहीं आता कि छोटे और ग्लैमरस कपड़ों में सिया वर्मा (अमायरा दस्तूर) दरअसल कैसी वाली पुलिस बनी हैं। रघु राठौर (इमरान हाशमी) पता नहीं कैसे सुपरकॉप बनें हैं जो न पहले अपने पुलिसिए बॉस का खुरपेंची दिमाग समझ पाए न बाद में अपनी पुलिसिया गर्लफ्रैंड का। मतलब दो-दो बार धोखा।
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