पूरा भारत कमलमय हो इसके लिए रणनीति बनने लगी हैं। जिन प्रदेशों में चुनाव हैं वहां विशेष जोर दिया जाने वाला है। कल इसी के लिए भारतीय जनता पार्टी का कोर ग्रुप जुट कर माथापच्ची करेगा।
तुर्की में एक संदिग्ध इस्लामिक स्टेट आतंकी द्वारा किए गए हमले में 50 लोगों की मौत हो गई। यह हमला सीरिया की सीमा से सटे शहर गाजियनटेप में एक विवाह समारोह में हुआ।
गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के उना शहर में एक प्रदर्शन रैली से घर लौट रहे 20 दलितों के एक समूह पर समतर गांव के पास भीड़ ने हमला कर दिया, जिसमें आठ दलित गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना सोमवार शाम करीब पांच बजे हुई। पुलिस ने भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हल्का लाठी चार्ज भी किया। हालांकि पीडि़तों का दावा है कि पुलिस ने उनकी मदद के लिए कुछ नहीं किया।
सहारा समूह ने बुधवार को निवेशकों के एक समूह की ओर से ब्रिटेन और अमेरिका स्थित अपने तीन मशहूर होटलों के लिए 1.3 अरब डालर की पेशकश खारिज कर दी है और इसे कीमत कम करने की चालाक कोशिश बताया।
मुंबई की विवादित आदर्श सोसाइटी की इमारत गिराने पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तत्काल रोक लगा दी है। अदालत ने मामले में केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भी जारी किया है। शुक्रवार को कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 5 अगस्त की तारीख तय की। अदालत ने इससे पहले केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से जवाब देने को भी कहा है।
यह समझना कि कॉमन सिविल कोड आ जाएगा तो क्या मुस्लिम औरतों में सुधार आ जाएगा, यह गलत बात है। अभी औरतों की स्थिति बहुत दूभर है, सिर्फ मुस्लिम औरतों की ही नहीं, हिंदुस्तान की ज्यादातर औरतों के साथ मर्द का जो व्यवहार है, बहुत अच्छा नहीं है, तो इसके लिए तो मर्द की सोच बदलने की जरूरत है। यदि कॉमन सिविल कोड आ गया, कानून आ गया, सब कुछ आ गया, लेकिन मर्द की जो गंदी सोच है, उसको भी तो बदलना पड़ेगा, उसकी जहनियत को बदलना पड़ेगा।
देश को आजाद हुए पैंसठ साल से अधिक का समय हो गया पर भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अभी तक आम राय नहीं बन पाई है। जब इतने समय पर यह नहीं हो पाया तो भाजपा अब क्या सोच समझ कर यूनिफार्म सिविल कोड का ताना-बाना बुनने लगी है। क्या छह माह में इसे लागू करने का दम केंद्र की भाजपा सरकार के पास है या यह महज एक चुनावी चुग्गा है। जो भाजपा ने यूपी चुनाव से पहले जनता की ओर फेंक दिया है।
विकास सहित कई अन्य मसलों पर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करने वाली शिवसेना ने यूनीफार्म सिविल कोड के प्रस्ताव पर मोदी सरकार को अपना समर्थन दिया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय के जरिए साफ संदेश दिया है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सरकार को आगे बढ़ना चाहिए।
यूपी चुनाव को ध्यान में रखते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की भाजपा की तैयारी पर मुस्लिम समाज बिफर सा गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस प्रस्ताव को पूरी तरह नकार दिया है। उसने आरोप लगाया है कि महज वोटों की राजनीति के लिए भाजपा यह मसले को उछाल रही है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) पर एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विधि आयोग से इस मुद्दे का अध्ययन करने को कहा है। सरकार के इस पहल को समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है जिससे देश का राजनीतिक तापमान बढ़ने की आशंका है।