प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार का कार्यकाल अगले साल फरवरी में पूरा होगा लेकिन उन्होंने आज कहा कि वह इस्तीफा देने के बारे में दृढ़तापूर्वक विचार कर रहे हैं।
प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार को पदमुक्त किए जाने की ख्रबरें हैं। कहा जा रहा है कि प्रसार भारती के अन्य ऑफिसरों के साथ पटरी न बैठने और कई विवाद के बाद वेंकैया नायडु ने यह कदम आखिरकार उठा ही लिया। जो काम अरुण जेटली ने नहीं किया वह वेंकैया ने तेजी दिखाते हुए कर दिया।
आईआईटी खड़गपुर इस महीने गूगल स्कॉलर के सह संस्थापक अनुराग आचार्य और बर्कशायर हैथवे के सीईओ वारेन बफेट के संभावित उत्तराधिकारी अजित जैन को संस्थान के प्रतिष्ठित छात्र पुरस्कार से सम्मानित करेगा। 30 जुलाई से 31 जुलाई तक चलने वाले संस्थान के 62वें दीक्षांत समारोह में सात पूर्व छात्रों को उद्योग, शिक्षा एवं उद्यमी के तौर पर उनकी असाधारण पेशेवर उपलब्धियों के लिए सम्मानित करने का निर्णय किया गया है।
प्रसार भारती के चेयरमैन ए. सूर्यप्रकाश द्वारा मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर सरकार को शो- कॉज नोटिस दिए जाने को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति की एक बैठक में एक वरिष्ठ अधिकारी को नहीं भेजे जाने को लेकर जवाहर सरकार को शो-कॉज किया गया। सूर्य प्रकाश वरिष्ठ पत्रकार रहे हैं और उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का घनिष्ठ माना जाता है।
भारतीय क्रिकट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने आज एक अहम फैसला लेते हुए राहुल जौहरी को संस्था का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया। राहुल जौहरी मीडिया उद्योग के जाने-पहचाने नाम हैं जिनके पास मीडिया क्षेत्र में 20 सालों का लंबा अनुभव है।
इंटरनेट क्षेत्र की कंपनी याहू करीब 1,700 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। इस क्रम में देखना है कि मुख्य कार्यकारी मेरिसा मेयर की नौकरी बचती है या नहीं।
वरिष्ठ नौकरशाह अमिताभ कांत का मानना है कि भारत जैसे लोकतंत्र में अगर कुछ लोग चाहते हों तो उन्हें बीफ सेवन की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंसद की आजादी होनी चाहिए।
लंबे समय में दूरदर्शन के महानिदेशक के नाम को लेकर चल रही कवायद खत्म होने वाली है। सूत्रों के मुताबिक इस पद के लिए वर्तमान कार्यकारी महानिदेशक के नाम को ही मंजूर किए जाने का प्रस्ताव है लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय से मंजूरी मिलने के बाद ही इसकी घोषणा की जाएगी।
दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी गूगल के शिखर पर पहुंचने वाले सुंदर पिचई ने आईआईटी खडगपुर से बीटेक और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस की पढ़ाई मैटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग में की थी। इसके बाद उन्होंने व्हार्टन स्कूल से एमबीए किया और 10 साल के भीतर कंपनी के सीईओ पद तक पहुंच गए। जानिए, पिचई की कौन-सी खूबियों ने दिलााई पिचई को ये कामयाबी