अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति जमीरुद्दीन शाह ने गुरुवार को एक पत्र लिखकर दावा किया है कि कुछ असंतुष्ट तत्व उन्हें दागदार करने के लिए एक अभियान चला रहे हैं।
सीबीआई जांच का सामना कर रहे पर्ल समूह के पास मोहाली में दो पूर्ण सेक्टरों 100 और 104 का स्वामित्व है। इसके अलावा समूह के पास सेक्टर 96 और सेक्टर 99 में भी आधा हिस्सा है। सीबीआई द्वारा समूह की परिसंपत्तियों के विश्लेषण से यह तथ्य सामने आया है। समूह पर करीब पांच करोड़ निवेशकों को 51,000 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है।
राजस्थान सरकार ने बीकानेर जिले के नोखा स्थित एक शिक्षण संस्थान की छात्रा से कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश करने का निर्णय किया है।
नारद स्टिंग ऑपरेशन वीडियो में अपने कुछ नेताओं के कथित रूप से रिश्वत लेते हुए दिखने के करीब एक महीने बाद तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस, माकपा और भाजपा पर पार्टी को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को मामले की आतंरिक जांच कराने की घोषणा की। पार्टी ने दावा किया कि अगर पार्टी का कोई सदस्य दोषी पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी।
दादरी में गोमांस खाने को लेकर हुई हत्या मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिए जाने के मुद्दे पर महीनों से हीलाहवाली कर रही उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को कहा कि यदि इलाहाबाद उच्च न्यायालय को लगे कि सीबीआई जांच प्रासंगिक है तो वह अदालत के आदेश का पालन करेगी।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज कहा कि उन्हें आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई जांच में शामिल होने में कोई समस्या नहीं है। दरअसल दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनसे पूछा कि वह जांच में शामिल क्यों नहीं हो रहे। सिंह आय से अधिक संपत्ति मामले में अन्य लोगों के साथ आरोपी हैं।
सीबीआई की विशेष अदालत ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में 25 साल पहले हुई फर्जी मुठभेड़ में दस सिख तीर्थयात्रियों की हत्या के लिए आज 47 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने गुजरात के विवादित और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा को शनिवार को गुजरात लौटने की अनुमति दे दी। वंजारा पर गुजरात के पुलिस अधिकारी रहते हुए इशरत जहां और शोहराबुद्दीन शेख को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराने का आरोप था। अदालत ने उनकी जमानत शर्त को संशोधित करते हुए यह फैसला दिया जिस कारण वंजारा पिछले एक साल से मुंबई में थे।
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने झारखंड इस्पात प्राइवेड लिमिटेड (जेआईपीएल) और इसके दो निदेशकों आर.एस. रूंगटा और आर.सी. रूंगटा को राज्य में एक कोयला खान आवंटन में हुई अनियमितता के संबंध में दोषी ठहराया है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने कंपनी और इसके दो निदेशकों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) और 420 (धोखाधड़ी) का दोषी पाया गया।