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Search Result : "सुरक्षा हालात"

आजादी विशेष | विचारों की स्वतंत्रता पर बंदिश की भाषा

आजादी विशेष | विचारों की स्वतंत्रता पर बंदिश की भाषा

राजनीतिक-आर्थिक-सामाजिक सत्ता क्रम को नियंत्रित करने वाले वर्गों, समूहों, समुदायों और संस्थाओं के इस्तेमाल की भाषा में उनके वर्चस्ववादी पूर्वग्रहों के शब्द-संकेत देखे और व्याख्यायित किए जा सकते हैं। भारत की आजादी के 68 वर्ष बीतने पर हमारे राजनीतिक और सुरक्षा प्रतिष्ठानों के चालू विमर्श में हम ऐसे दो चलताऊ जुमलों की निशानदेही करना चाहेंगे जिनके निहितार्थ हमारी स्वतंत्रता सीमित करने के संदर्भ में गंभीर हैं।
दिल्‍ली में झूठी निकली फायरिंग की अफवाह, हाई अलर्ट

दिल्‍ली में झूठी निकली फायरिंग की अफवाह, हाई अलर्ट

पंजाब में आतंकी हमले के बाद राजधानी दिल्‍ली को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इस बीच दिल्‍ली के कनॉट प्‍लेस और संसद के नजदीक की अफवाह फैली जो गलत साबित हुईै।
क्या मध्यवर्ग को गैस सब्सिडी और सांसदों को सस्ता खाना मिलना चाहिए ?

क्या मध्यवर्ग को गैस सब्सिडी और सांसदों को सस्ता खाना मिलना चाहिए ?

पिछले साल भर में दस लाख से ज्यादा भारतवासियों ने स्वेच्छा से अपनी रसोई गैस सब्सिडी छोड़ी। एक विकासशील देश में मोदी सरकार ने इन लोगों को इसके लिए प्रेरित करने का अभियान यह कहते हुए छेड़ा कि पैसा ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक पहुंचना चाहिए। सरकारी अनुदानों के बारे में आख्यान बदलने का यह प्रयास नई राह बनाता है। ज्यादातर सब्सिडी कम जरूरतमंद लोग चट कर गए हैं, इसके बारे में बहुत सार्वजनिक विमर्श हुआ है।
आसाराम मामले में गवाह को मिली सुरक्षा

आसाराम मामले में गवाह को मिली सुरक्षा

कथावाचक आसाराम द्वारा एक लड़की से कथित दुराचार प्रकरण के अहम गवाह कृपाल सिंह की बीते दिनों शाहजहांपुर में हुई हत्या के बाद पुलिस प्रशासन ने मामले के एक अन्य साक्षी को सुरक्षा उपलब्ध कराई है।
वर्ल्‍ड बैंक ने मनरेगा को माना विश्‍व की सबसे बड़ी योजना

वर्ल्‍ड बैंक ने मनरेगा को माना विश्‍व की सबसे बड़ी योजना

भारत में भले ही मनरेगा के बजट में कटौती और इसे कमजोर करने की कोशिशों पर बहस छिड़ी है लेकिन वर्ल्‍ड बैंक ने इसे विश्‍व की सबसे बड़ी सार्वजनिक निर्माण योजना माना है।
ऊर्जा और सुरक्षा की तलाश मोदी को ले गई मध्य एशिया

ऊर्जा और सुरक्षा की तलाश मोदी को ले गई मध्य एशिया

वैसे भारतीय प्रधानमंत्री की कजाखिस्तान यात्रा प्रोटोकॉल के विरूद्ध है क्योंकि मनमोहन सिंह की 2011 की कजाखिस्तान यात्रा के बाद अब कजाख राष्ट्रपति को भारत दौरे पर आना चाहिए था, लेकिन उम्मीद की जाती है है कि मोदी की कजाखिस्तान यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग के कई मुद्दों को गति प्रदान करने में मददगार साबित होगी।
56 इंच की जुबान का रक्षा सिद्धांत

56 इंच की जुबान का रक्षा सिद्धांत

म्‍यांमार सीमा पर हाल की सैन्‍य कार्रवाई से जुड़े तथ्यों में जाहिर अंतर्विरोध सरकारी सुरक्षा प्रचार तंत्र की बखिया बखूबी उधेड़ते हैं।
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