मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने ही आंकड़ों से अपने लिए बवाल खड़ा कर दिया। मामला पोषाहार बजट का है। सरकार ने बजट ज्यादा दिखाने के लिए आंकड़ों में एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चों को पोषाहार बांटने का दावा किया है। लेकिन यह आंकड़ा खुद सरकार के लिए ही मुसीबत खड़ी करने वाला है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड क्रिकेट में सुधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपना अंतरिम आदेश सुनाया। इस मामले में अब आगे की सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी। कोर्ट ने बीसीसीआई को राज्य संघों को फंड देने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि जब राज्य संघ हलफनामा देंगे, तब उन्हें बीसीसीआई फंड जारी कर सकता है।
सरकार की एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की योजना के साथ राजस्व विभाग के समक्ष 60,000 फील्ड अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की एक बड़ी चुनौती है। विभाग अब तक केवल 3,074 कर्मियों को ही जरूरी प्रशिक्षण उपलब्ध करा पाया है।
परिजन और निकट के रिश्तेदारों द्वारा यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने पॉक्सो ई-बॉक्स पहल शुरू की है जिसके जरिये पीड़ित बच्चे अपनी शिकायत सीधे आयोग तक पहुंचा सकते हैं।
नियंत्रण रेखा पर तनाव के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून के शीर्ष सहयोगी ने भारत एवं पाकिस्तान से संयम बरतने और शांतिपूर्ण तरीके से अपने मतभेद सुलझाने को कहा है।
उत्तरी नगर निगम में भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला जा रहा है। इसको लेकर केंद्रीय सूचना आयोग ने निगम को लताड़ लगाई है। आयोग ने निगम को कहा है कि वैकल्पिक भूखंड लेने के बावजूद कारोबारियों ने रिहायशी इलाकों में कारोबार जारी रखा है और निगम कार्रवाई करने की बजाय उदासीन रवैया अपनाए हुए है।
दिल्ली नगर निगम में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है। लेकिन जन्म प्रमाण पत्र को लेकर विभाग की ऐसी लापरवाही जिसने सारे नियम कानून को ताक पर रख दिया। फर्जी जन्मप्रमाण पत्र देने का मामला उत्तरी नगर निगम में सामने आया है। निगम ने 49 जन्म प्रमाण पत्र बिना किसी जांच पड़ताल के जारी कर दिया।
वैश्विक स्तर पर वित्तीय बाजार नियामकों के बीच बेहतर संयोजन पर जोर देते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन यू के सिन्हा ने आज कहा कि 2008 के ऋण संकट के बाद दुनिया में गैर परंपरागत मौद्रिक नीतियों से बाजार नीति निर्माताओं के नियंत्रण से बाहर हो गए हैं।
अल्पसंख्यक युवाओं की शिक्षा और कौशल विकास की दिशा में समग्र पहल नई मंजिल योजना को शुरू हुए एक वर्ष से अधिक समय गुजर गया है लेकिन चालू वित्त वर्ष में वित्तीय आवंटन किए जाने के बावजूद अब तक कोई धनराशि जारी नहीं की गई है।