नई दिल्ली की निजामुद्दीन दरगाह के सज्जादानशीन समेत दो हिंदुस्तानी उलेमा पाकिस्तान में लापता हैं, जिसके बाद भारत ने इस मामले को पाकिस्तान सरकार के सामने उठाया है।
विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि पाकिस्तान में लापता हुए हजरत निजामुद्दीन दरगाह के सज्जादा नशीन और उनके भतीजे के लापता होने का मुद्दा भारत ने पाकिस्तान के समक्ष उठाया है।
साहित्यिक संस्था ‘हुत’ की छत्तीसवें एकल काव्यपाठ में 73 वर्षीय कवि बजरंग बिश्नोई ने अपनी धर्मयुग में 1964 में प्रकाशित पहली कविता से लेकर आज तक रची/छपी कविताओं में से एक दर्जन का पाठ किया। कविताओं पर चर्चा में उनकी खामियों-खूबियों पर बहस के साथ ही कथ्य की सराहना हुई, खास कर खुदाबख्स उर्फ खुटईं , गोपी, आदतन, पत्नी के फूल चुनते हुए , अपने खिलाफ और एक विभावना है शहर शीर्षक कविताओं की।
अमेरिका ने पाकिस्तान की सूफी दरगाह पर हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा है कि वह आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करता रहेगा। इस हमले में सौ लोगों की मौत हो गई।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सहवान कस्बे में स्थित लाल शाहबाज कलंदर दरगाह के भीतर आज रात हुए आत्मघती विस्फोट में करीब सौ लोगों की मौत हो गई और दो सौ से अधिक लोग घायल हो गए। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार आतंकी संगठन आईएसआई ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
जन सरोकारसे जुड़कर रचने जनने की परंपरा को प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाने के उद्देश्य से अक्टूबर 2012 की 12 तारीख से शुरू साहित्यिक संस्था हुत की रचना पाठ श्रृंखला कल्वे कबीर के नाम से सोशल मीडिया में चर्चित कवि कृष्ण कल्पित के कविता पाठ के साथ 34 वां पायदान पार कर गई।
तेलंगाना राष्ट्र समिति की लोकसभा सांसद कलवाकुंटला कविता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि देश में हल्दी के उत्पादन, बिक्री और उसके प्रभावी निर्यात के लिए अविलंब एक टर्मरिक बोर्ड का गठन किया जाए।
इन दिनों न्याय के पहरेदारों न्यायाधीशों, वकीलों को सत्ताधारियों के समक्ष विभिन्न स्तरों पर आवाज पहुंचानी पड़ रही है। लोकतंत्र, राजतंत्र, सैन्य शासन या कम्युनिस्ट शासन में भी अंतिम दरवाजा न्यायालय का ही होता है।
तेलंगाना में अलग हाईकोर्ट की चल रही मांग के बीच सोमवार को राज्य से बड़ी संख्या में वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सांसदों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। राज्य के सांसदों ने कई बार केंद्र सरकार से अलग हाईकोर्ट की गुहार लगाई लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
सूफी रॉक बैंड जुनून से 1990 के दशक में मशहूर हुए पाकिस्तानी गायक-गिटार वादक सलमान अहमद का कहना है कि सीमा पर लगी कांटेदार बाड़ों के पार भी संगीत में अकूत ताकत है और कोई बाधा इसे रोक नहीं सकती है। 90 दशक में पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु संलयन के बजाय सांस्कृतिक मेल-मिलाप की वकालत करने के लिए इस पाकिस्तानी गायक पर गद्दार का ठप्पा लगा था।