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Search Result : "स्वतंत्र विचार"

'चित्त चेते' के लिए पद्मा सचदेव को मिला सरस्वती सम्मान

'चित्त चेते' के लिए पद्मा सचदेव को मिला सरस्वती सम्मान

डोगरी की विख्यात साहित्यकार पद्मा सचदेव की आत्मकथा चित्त चेते को 2015 के सरस्वती सम्मान के लिए चुना गया है। साल 2005 से 2014 की अवधि में प्रकाशित पुस्तकों पर विचार करने के बाद चयन परिषद् ने सचदेव की आत्मकथा को प्रतिष्ठित सरस्वति सम्मान के लिए चुना।
हर महीने 15 दिन सम-विषम लागू करने पर विचार कर रही है दिल्ली सरकार

हर महीने 15 दिन सम-विषम लागू करने पर विचार कर रही है दिल्ली सरकार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रीय राजधानी में हर महीने 15 दिन सम-विषम प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है।
एक्सक्लूसिवः भाजपा के पदों में बदलाव पर विचार

एक्सक्लूसिवः भाजपा के पदों में बदलाव पर विचार

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच आज घंटों विचार-विमर्श हुआ जिसमें संघ की हालिया नागौर बैठक में हुए चिंतन और भाजपा की दो दिवसीय कार्यकारिणी में उठे मुद्दों के बारे में गहन चर्चा हुई। इस बैठक में संगठनात्मक पदों पर फेरबदल के नामों की सूची बन गई है और अंतिम फैसला प्रधानामंत्री नरेंद्र मोदी से सलाह के बाद होगा।
स्कूल में जंक फूड पर पाबंदी का विचार कर रही दिल्ली सरकार

स्कूल में जंक फूड पर पाबंदी का विचार कर रही दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के स्कूलों को निर्देश दिया है कि वह अपनी कैंटीनों में उन खाद्य पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार करें जिनमें वसा, शर्करा और लवण की मात्रा अधिक है और छात्रों को इसके बुरे प्रभाव के बारे में जागरूक करें।
ओएनजीसी का आरोप: रिलायंस ने उसके ब्लॉक से निकाला गैस

ओएनजीसी का आरोप: रिलायंस ने उसके ब्लॉक से निकाला गैस

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) पर आरोप लगाया है कि उसने पूर्ण नियोजित व सोची समझी रणनीति के तहत बीते छह साल में उसकी लगभग 1.4 अरब डॉलर मूल्य की गैस निकाल ली। ओएनजीसी ने मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज से उक्त राशि का पूरा मुआवजा 18 प्रतिशत ब्याज के साथ देने की मांग की है।
राष्ट्रपति की राज्यपालों को नसीहत, बनाए रखें संविधान की पवित्रता

राष्ट्रपति की राज्यपालों को नसीहत, बनाए रखें संविधान की पवित्रता

राज्यपालों की भूमिका पर पैदा हुए विवाद के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को राज्यपालों को मशवरा देते हुए कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे सभी लोग संविधान की पवित्रता बरकरार रखें।
‘विचार एबीवीपी से न मिलें तो देशद्रोही हो गए क्या?’

‘विचार एबीवीपी से न मिलें तो देशद्रोही हो गए क्या?’

हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के संदर्भ में बात करें तो इस वक्त केंद्रीय संसाधन मंत्रालय द्वारा विश्वविद्लायों में एक विचारधारा थोपने की बात चल रही है। रोहित का लेना-देना सिर्फ हैदराबाद विश्वविद्लाय या वहां के प्रशासन मात्र से नहीं है बल्कि एक बड़े मसले से है। देश की विश्वविद्यालय व्यवस्था में इस समय वैचारिक हस्तक्षेप चल रहा है। वहां राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े लोगों की नियुक्तियां की जा रही हैं। देखा जाए तो जब से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई है तब से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) सोचने लगी है कि कानून उनकी जेब में है।
तिब्बत जरूर स्वतंत्र होगा – लोबसांग सांगे

तिब्बत जरूर स्वतंत्र होगा – लोबसांग सांगे

‘शक्तिशाली चीनी ताकत से तिब्बत अपने अहिंसात्मक संघर्ष के जरिए उसी तरह स्वतंत्र होकर रहेगा जैसे भारत, दक्षिण अफ्रीका आदि ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्र हो गए।’ यह बात तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग सांगे ने आचार्य कृपलानी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित ‘आचार्य कृपलानी स्मृति व्याख्यान’ में कही।
बोले प्रणब, असल गंदगी दिमाग में

बोले प्रणब, असल गंदगी दिमाग में

असहिष्णुता पर बढ़ते विवाद के बीच कड़ा संदेश देते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि लोगों को अपने मन मस्तिष्क से विभाजनकारी विचारों को हटाना चाहिए तथा सार्वजनिक अभिव्यक्ति को सभी तरह की हिंसा से मुक्त करना चाहिए।
बीमारू से बिकाऊ प्रदेश तक - रिसर्जेंट राजस्थान

बीमारू से बिकाऊ प्रदेश तक - रिसर्जेंट राजस्थान

रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप सम्मिट में देश दुनिया के धनकुबेरों का दो दिवसीय मिलन जयपुर में हुआ। राजस्थान सरकार द्वारा पूंजी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से किए गए इस आयोजन में 300 निवेश करार हुए जिनसे 4 लाख करोड़ का निवेश राज्य में आने की संभावना बनती दिखाई दे रही है। इतना ही नहीं बल्कि इससे ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलने का भी दावा किया जा रहा है। अनुमान है कि रिसर्जेंट राजस्थान के इस आयोजन पर राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपये खर्च किया है। यह खर्च है कोई निवेश नहीं है। जनता की गाढ़ी कमाई का यह पैसा सिर्फ मेहमान नवाजी पर ही खर्च हो गया है। जयपुर की जनता को दो तीन दिन जो असुविधाएं झेलनी पड़ी वह तो अलग ही हैं। लोग पूछ रहे हैं कि जिस मुख्यमंत्री को अपने राज्य की जनता से मिलने तक कि फुर्सत नहीं होती है, कभी-कभार ही सभाओं में उनके दर्शन हो पाते हैं, वह पूंजीपतियों के मध्य कितनी आसानी से उपलब्ध हैं। यह अवसर राजस्थान के उन मतदाताओं को क्यों नहीं मिल पाता है जिन्होंने वोट दे कर प्रचंड बहुमत से उनकी सरकार चुनी है।
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