ऐसे दौर में जब रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा चल रहा है, स्वामी विवेकानंद इजरायल के शरणार्थियों की बात करते हैं। वैचारिक असहमतियों को सहन न कर पाने के इस दौर में उनकी बात याद करने लायक है, जब उन्होंने कहा था कि सांप्रदायिकताएं, कट्टरताएं और इसकी भयानक वंशज हठधर्मिता लंबे समय से पृथ्वी को अपने शिकंजों में जकड़े हुए हैं।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर नेशनल पैंथर पार्टी के सदस्य अमरनाथ यात्रियों पर सोमवार को हुए हमले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। तभी वहां स्वामी ओम भी पहुंच गए।
इस बुरे दौर में जब दो समुदाय के बीच विश्वास कम होते हुए खत्म होता जा रहा है, उडुपी के कृष्ण मंदिर ने अनोखी मिसाल पेश की है। कल ईद के मौके पर कई मुस्लिम भाइयों ने बांह पर काली पट्टी बांध कर समुदाय पर हो रहे हमलों का मौन विरोध किया था। इससे अलग प्राचीन काल के कृष्ण मंदिर में इतिहास में पहली बार रोजेदारों ने न सिर्फ नमाज पढ़ी बल्कि रोजा भी तोड़ा।