23 अप्रैल 2015 को दौसा के गजेंद्र सिंह के रूप में देश के हाहाकार ने जंतर-मंतर पर दम तोड़ दिया। उसकी चीखती खामोशी को सत्ता और मीडिया की धडक़नों में एक और हाहाकार के रूप में धड़कना चाहिए था।
भारतीय परंपरा में भगवान की पूजा करते वक्त धूप-दीप लगाने का बड़ा महत्व है। अगरबत्ती लगाना और हवन करना भी इसमें शामिल है। लेकिन सच्चाई यह है कि धूपबत्ती या अगरबत्ती से निकलने वाला धुआं स्वास्थ्य के प्रति खतरनाक होता है। इससे कैंसर के साथ कई जानलेवा बीमारियों का भी खतरनाक हो सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इंद्रधनुष नाम से टीकाकरण अभियान की शुरुआत की है। इस मिशन के तहत जापानी एंसेफेलाइटिस, हीमोफिलिस इंफ्लूएंजा टाइप बी से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम से जुड़े टीकों को भी चुनिंदा जिलों में उपलब्ध कराया जाएगा।
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का कहना है कि भारत में व्यापार की पुरानी और लंबी परंपरा रही है लेकिन हमारी वर्ण व्यवस्था में व्यापारियों को ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई। कल यहां एक संस्थान के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हड़प्पा काल से हम व्यापार कर रहे हैं, लेकिन हमारी वर्ण व्यवस्था में व्यापार करने वालों -वैश्यों को काफी नीचे रखा गया है। उन्हें शूद्रों से ठीक ऊपर तीसरे क्रम पर रखा गया है।
पर्यटन और संस्कृति ऐसे विभाग हैं, जिनमें अपार संभावनाएं हैं। कई क्षेत्र हैं, जिन्हें पर्यटकों के लिए विकसित किया जा सकता है। संस्कृति के क्षेत्र में भारतीय संस्कृति को विश्व मानचित्र पर उकेरा जा सकता है। नई सरकार में इस क्षेत्र में कई काम हो रहे हैं। इसी से संबंधित राज्यमंत्री संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) एवं नागरिक उड्डयन मंत्रालय के राज्य मंत्री महेश शर्मा ने आउटलुक से बातचीत की।
इस वर्ष केंद्रीय बजट में जब निर्धन वर्ग के कार्यक्रमों, ग्रामीण व सामाजिक क्षेत्रों में बड़ी कटौतियां की गई तो कहा गया था कि इसकी क्षतिपूर्ति राज्य सरकारों के बजट में हो जाएगी क्योंकि राज्य सरकारों को 14 वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर करों का अधिक हिस्सा आबंटित हो रहा है। पर अधिकांश राज्य सरकारों के बजट में कटौतियों की पूर्ण व पर्याप्त भरपाई का कोई आसार नजर नहीं आ रहा है। उदाहरण के लिए राजस्थान सरकार के बजट में यह स्पष्ट नजर आता है कि इन उच्च प्राथमिकता क्षेत्रों में हुई कटौतियों की पर्याप्त क्षतिपूर्ति राज्य सरकार के बजट में नहीं हो सकी है।
गाजीपुर जिला चिकित्सालय के आकस्मिक चिकित्सा विभाग में सुबह के दस बजे हैं और इलाज के लिए कोई डॉक्टर नहीं है। पूछने पर पता चला कि आज डॉक्टर साहब नहीं आएंगे।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से विचाराधीन कैदियों की रिहाई पर जवाब मांगा है। ये वे कैदी हैं जो अपने ऊपर आरोपों की अधिकतम सजा की आधी अवधि जेल में बिता चुके हैं।