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स्‍वतंत्रता दिवस में पीएम मोदी इंसाफ पर कुछ नहीं बोले : जस्टिस ठाकुर

स्‍वतंत्रता दिवस में पीएम मोदी इंसाफ पर कुछ नहीं बोले : जस्टिस ठाकुर

देश में न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच लगता है तकरार अभी भी चल रही है। इसकी झलक स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिखाई दी। देश के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर ने पीएम के भाषण में एक बेहद जरूरी मुद्दे का जिक्र नहीं करने पर निराशा जताई। जस्टिस ठाकुर ने जजों की नियुक्ति का मुद्दा उठाया।
कश्मीर पर मध्यप्रदेश में बोले मोदी, युवाओं के हाथ में पत्थर नहीं लैपटॉप हो

कश्मीर पर मध्यप्रदेश में बोले मोदी, युवाओं के हाथ में पत्थर नहीं लैपटॉप हो

गाय, गोरक्षा और दलित उत्पीड़न के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में जारी हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मंगलवार को स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की मध्यप्रदेश के अलिराजपुर स्थित जन्मस्थली भाबरा गांव पहुंचकर मोदी ने ’70 साल आजादी, याद करो कुर्बानी’ कार्यक्रम की शुरुआत की और देश की आजादी के लिए अपनी दजान देने वाले इस अमर शहीद को श्रद्धांजलि दी।
पाकिस्तानी अदालत में भगत सिंह केस की सुनवाई

पाकिस्तानी अदालत में भगत सिंह केस की सुनवाई

आजादी की लड़ाई के दौरान एक ब्रिटिश अधिकारी की हत्या के दोषी करार दिए गए स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को निर्दोष साबित करने के लिए पाकिस्तान की एक अदालत बुधवार से इस मामले की सुनवाई करेगी।
असहिष्‍णुता सियासी मुद्दा, घबराने की जरूरत नहीं: चीफ जस्टिस

असहिष्‍णुता सियासी मुद्दा, घबराने की जरूरत नहीं: चीफ जस्टिस

असहिष्णुता पर छिड़ी बहस को राजनीतिक मुद्दा करार देते हुए भारत के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा है कि जब तक न्यायपालिका स्वतंत्र और विधि के शासन को बनाए रखने वाली है, तब तक किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।
असहमति का दमन आर्थिक विकास के लिए खतरा: मनमोहन सिंह

असहमति का दमन आर्थिक विकास के लिए खतरा: मनमोहन सिंह

असहिष्णुता पर जारी बहस के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कुछ हिंसक अतिवादी समूहों द्वारा विचारों की स्वतंत्रता उल्लंघन की निंदा करते हुए कहा कि यह राष्ट्र पर आघात है। उन्होंने सचेत किया कि अगर एकता नहीं होगी और विविधता, धर्मनिरपेक्षता और बहुलता के प्रति सम्मान नहीं होगा तब गणतंत्र के समक्ष खतरा हो सकता है।
अखाड़े में बदल चुकी है संसद: राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी

अखाड़े में बदल चुकी है संसद: राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी

स्वतंत्रता की 68वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देशवासियों का हार्दिक अभिनंदन किया है। राष्ट्र के नाम संदेश में उन्‍होंने संसद में होने वाले हंगामे पर विशेष रूप से टिप्‍पणी करते हुए कहा कि लोकतंत्र की हमारी संस्थाएं दबाव में हैं। संसद परिचर्चा के बजाय टकराव के अखाड़े में बदल चुकी है। अच्छी से अच्छी विरासत के संरक्षण के लिए लगातार देखभाल जरूरी होती है। समय आ गया है कि जब जनता तथा राजनैतिक दल गंभीर चिंतन करें।
आजादी विशेष | विचारों की स्वतंत्रता पर बंदिश की भाषा

आजादी विशेष | विचारों की स्वतंत्रता पर बंदिश की भाषा

राजनीतिक-आर्थिक-सामाजिक सत्ता क्रम को नियंत्रित करने वाले वर्गों, समूहों, समुदायों और संस्थाओं के इस्तेमाल की भाषा में उनके वर्चस्ववादी पूर्वग्रहों के शब्द-संकेत देखे और व्याख्यायित किए जा सकते हैं। भारत की आजादी के 68 वर्ष बीतने पर हमारे राजनीतिक और सुरक्षा प्रतिष्ठानों के चालू विमर्श में हम ऐसे दो चलताऊ जुमलों की निशानदेही करना चाहेंगे जिनके निहितार्थ हमारी स्वतंत्रता सीमित करने के संदर्भ में गंभीर हैं।
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