विवेक मिश्र को साहित्यिक पत्रिका हंस में प्रकाशित उनकी कहानी ‘और गिलहरियां बैठ गईं’ के लिए अठारहवें रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कहानी फिल्म विद्या बालन के करिअर की अभी तक की फिल्मों में उम्दा फिल्म है। अब उसी सफलता को लेकर कहानी 2 आई है। कहानी 2 का कहानी फिल्म से कोई कनेक्शन नहीं है। कहानी भी सस्पेंस फिल्म थी और कहानी 2 भी शानदार थ्रिलर है। कहानी की तरह ही कहानी 2 पर भी निर्देशक सुजॉय घोष ने पकड़ ढीली नहीं पड़ने दी है।
फिल्म इंडस्ट्री में अपने 25 साल के शानदार सफर के बीच शाहरख खान के लिए अपनी फिल्मों के चयन की प्रक्रिया काफी जटिल रही है लेकिन इस सुपरस्टार का कहना है कि उन्होंने फिल्म बनाने के लिए हमेशा फिल्म निर्माता-निर्देशकों से संपर्क साधा है।
साहित्य अकादेमी, दिल्ली के प्रवासी मंच कार्यक्रम में अरुणा सब्बरवाल ने अपनी कहानी उडारी का पाठ किया। चर्चा में वक्ताओं की आम राय थी कि यह औरतों के जीवन में आए खुलेपन की कहानी है। ज्यादातर पसंद आई कहानी पर यह भी कहा गया कि लंदन में विवाहेतर और अकेली महिलाओं के संबंधों को जो पारिवारिक-सामाजिक मान्यता है, वह दिन भारत के लिए अभी दूर है।
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ कथित ईमेल घोटाले में एफबीआई की जांच फिर से शुरू किए जाने के मामले पर अपनी पहली टिप्पणी में कहा कि देश की शीर्ष घरेलू खुफिया एजेंसी अधूरी सूचना या लीक हुई जानकारी पर नहीं बल्कि ठोस निर्णयों पर कार्य करती है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश ने आज बसपा प्रमुख मायावती के बारे में कहा कि हमारी बुअाजी ने अपने जीते-जी अपनी मूर्तियां लगवा ली और स्मारकों पर ऐसे हाथी लगवाये जो बैठे थे, वे बैठे ही रहे और जो खड़े थे वे अब भी खड़े ही हैं।
आज राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का 91वां स्थापना दिवस खास है। पहली बार संघ प्रमुख के साथ स्वयंसेवक नए गणवेश में दिखे और हाल ही में हुई सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर एक अलग तरह का उत्साह था। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने अपने सालाना संबोधन में संघ के बड़े नेता दीनदयाल उपाध्याय से लेकर स्वामी विवेकानंद तक और कश्मीर से लेकर पाकिस्तान तक की बात की।
कवि, कथाकार, कला समीक्षक, अनुवादक। यात्रा लेखक। इन सभी विधाओं में कई पुस्तकें प्रकाशित। सद्य प्रकाशति ग्लोब और गुद्ब्रबारे तथा स्मृतियां बहुतेरी। संगीत नाटक अकादेमी की पत्रिका संगना के संपादक।
वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरूप राहा ने कहा है कि पीओक अभी भी हमारी आंखो में चुभता है। राहा ने कहा कि पूर्व की लड़ाईयों में वायुसेना का सही इस्तेमाल किया गया होता तो आज यह हालात नहीं देखने पड़ते।