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तीन लाख से अधिक नकद लेने पर उतना ही जुर्माना : अधिया

तीन लाख से अधिक नकद लेने पर उतना ही जुर्माना : अधिया

कालेधन पर अंकुश के कदम के तहत अब तीन लाख रुपये से अधिक का नकद स्वीकार करने वालों को भारी जुर्माना देना पड़ेगा। इसकी शुरुआत एक अप्रैल से होगी। बजट 2017-18 में तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेन-देन पर रोक लगाने का प्रस्ताव है।
कंपनी कर में कटौती से पहले व्यक्तिगत आयकर आधार बढ़ाना जरूरी : अधिया

कंपनी कर में कटौती से पहले व्यक्तिगत आयकर आधार बढ़ाना जरूरी : अधिया

कंपनी कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत करने की घोषणा के दो साल बाद सरकार ने आज कहा कि इस तरह की कोई भी कटौती तभी हो सकती है जब व्यक्तिगत आयकर में अच्छी वृद्धि दर्ज होने लगेगी और ज्यादा से ज्यादा लोग आयकर देने लगेंगे।
दिसंबर तक रिटर्न दाखिल करें राजनीतिक दल : सरकार

दिसंबर तक रिटर्न दाखिल करें राजनीतिक दल : सरकार

राजनीतिक दलों पर बेनामी नकद चंदे की सीमा 20,000 रुपये से घटा कर 2,000 रुपये तक सीमित करने के बाद सरकार ऐसा कानूनी संशोधन करने जा रही है जिसके तहत उन्हें हर साल दिसंबर तक आय का विवरण विभाग में दाखिल करना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने उन्हें मिली कर छूट खत्म हो जाएगी।
नए नोटों की आपूर्ति के बाद नकदी निकासी की सीमा बढ़ाई जाएगी : सरकार

नए नोटों की आपूर्ति के बाद नकदी निकासी की सीमा बढ़ाई जाएगी : सरकार

बेहतर सुरक्षा फीचर्स वाले नए 500 और 2,000 के नोटों की आपूर्ति बढ़ने के बाद नकदी निकासी की सीमा बढ़ाई जाएगी। सरकार ने आज यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके अलावा छोटे मूल्य के नोटों का भंडार भी बढ़ाया जाएगा।
ढाई लाख रुपये से अधिक की जमाओं का हिसाब नहीं मिला तो कर, जुर्माना

ढाई लाख रुपये से अधिक की जमाओं का हिसाब नहीं मिला तो कर, जुर्माना

सरकार ने आज रात आगाह किया कि बड़े नोटों का चलन बंद करने के बाद उन्हें जमा कराने की 50 दिन की छूट की अवधि में 2.5 लाख रुपये से अधिक की नकद जमा के मामलों में यदि आय घोषणा में विसंगति पाई गई तो कर और 200 प्रतिशत जुर्माना भरना पड़ सकता है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने ट्वीटर पर यह जानकारी दी।
पीपीएफ पर नहीं, सिर्फ ईपीएफ के ब्याज पर कर लगेगा

पीपीएफ पर नहीं, सिर्फ ईपीएफ के ब्याज पर कर लगेगा

वेतनभोगी वर्ग की चिंता दूर करते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि पीपीएफ निकासी पर कर नहीं लगेगा और बजट प्रस्तावों के तहत सिर्फ कर्मचारियों द्वारा एक अप्रैल के बाद कर्मचारी भविष्य निधि कोष (ईपीएफ) में किए गए योगदान पर जो ब्याज मिलेगा, वही कर के दायरे में होगा और जबकि मूल राशि पर छूट बरकरार रहेगी।
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