दक्षिण एशिया के सात देशों ने भारत की ओर से अपने पड़ोसियों के लिए उपहार के तौर पर छोड़े गए 450 करोड़ रूपये के संचार उपग्रह की खूब सराहना की है। इन देशों के बीच एक अभूतपूर्व अंतरिक्षीय संबंध की बानगी देखने को मिली।
शहर के कुछ विशेष रूप से सक्षम लोग अड़चनों को पार करके हाथी के मल से पारिस्थितिकी के लिहाज से अनुकूल कागज बनाकर कमाई कर रहे हैं और इस कागज की अच्छी मांग है खासतौर पर विदेशी पर्यटकों के बीच।