Advertisement

Search Result : "हिंदी कक्षाएं"

हिन्दुस्तानी से हिंग्लिश की ओर बढ़ते हुये बीता हिन्दी का 21वीं सदी का 16वां साल

हिन्दुस्तानी से हिंग्लिश की ओर बढ़ते हुये बीता हिन्दी का 21वीं सदी का 16वां साल

21वीं सदी के 16वें साल में हिन्दी अपने मिजाज के मुताबिक व्याकरण की जकड़बंदी से निकलकर उर्दू मिश्रित हिन्दुस्तानी से होते हुये अंग्रेजीनुमा हिंग्लिश की ओर बढ़ती रही। बोलचाल अथवा संप्रेषण के स्वनियम पर आधारित हिन्दी में इस साल जहां एक ओर अन्य भाषाओं और ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न इलाकों से आने वाले शब्दों को जगह मिली, वहीं दूसरी ओर फेसबुक-ट्विटर और कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल से हैश-टैग और एट दि रेट आॅफ जैसे निशान भी हिन्दी में शामिल होते गये।
मैं न हिंदू समर्थक हूं न इंसान विरोधी- भगवान सिंह

मैं न हिंदू समर्थक हूं न इंसान विरोधी- भगवान सिंह

संस्‍थापक पं. जगतराम आर्य की जयंती/स्‍थापना-दिवस पर हुई किताबघर प्रकाशन की संगोष्ठी में वक्ताओं ने अपना देश और मीडिया विषय पर जोरदार बहस की। ‘सवाल’ को ले कर ‘हल्का बवाल’ भी हुआ। पांडुलिपि पर दिया जाने वाला आर्य स्मृति सम्मान इस बार नहीं दिया जा सका।
आमिर को उम्मीद नोटबंदी से नहीं प्रभावित होगी दंगल

आमिर को उम्मीद नोटबंदी से नहीं प्रभावित होगी दंगल

अभिनेता आमिर खान को उम्मीद है कि उनकी आगामी फिल्म दंगल सरकार के नोटबंदी के फैसले से प्रभावित नहीं होगी। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद रीलीज हुई कई हिंदी फिल्मों के कारोबार पर बुरा असर पड़ा है।
'लाल गलियारे में विकास' पर आउटलुक हिंदी संवाद कार्यक्रम आयोजित

'लाल गलियारे में विकास' पर आउटलुक हिंदी संवाद कार्यक्रम आयोजित

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को आउटलुक हिंदी पत्रिका की तरफ से लाल गलियारे में विकास विषय पर संवाद संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भाग ले रहे अतिथियों ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों के लोगों को शिक्षा और विकास देकर ही इस समस्या को खत्म किया जा सकता है।
‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

उर्दू जबान की तरक्की के लिए फिक्रमंद साहित्यकारों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस भाषा को सिर्फ मुसलमानों की जबान के तौर पर पेश कर एक दायरे में सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि असलियत यह है कि यह पूरे देश में और विभिन्न समुदायों में बोली जाती है और इसके विकास में सभी का अहम योगदान है। इसके अलावा उर्दू और हिंदी छोटी और बड़ी बहने हैं और इनमें आपस में कोई टकराव नहीं है।
एनडीटीवी इंडिया पर लगा एक दिन का प्रतिबंध स्थगित

एनडीटीवी इंडिया पर लगा एक दिन का प्रतिबंध स्थगित

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया पर लगाए गए एक दिन के बैन के आदेश को स्थगित कर दिया है। इससे पहले सोमवार को चैनल ने केंद्र सरकार के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर चुनौती दी थी जिसपर सुनवाई के लिए अदालत ने मंगलवार का दिन तय किया था।
एनडीटीवी इंडिया पर प्रतिबंध: सरकार और विपक्ष के बीच तेज हुआ वाकयुद्ध

एनडीटीवी इंडिया पर प्रतिबंध: सरकार और विपक्ष के बीच तेज हुआ वाकयुद्ध

हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया पर केंद्र द्वारा एक दिन का प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच आज वाकयुद्ध तेज हो गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि यह देश की सुरक्षा के हित में है जबकि विपक्ष का कहना है कि यह कार्रवाई दूसरे आपातकाल की ओर ले जाएगी।
एक्सक्लुसिवः  ‘मेरा काम और राजनीतिक भविष्य दांव पर’ : अखिलेश यादव

एक्सक्लुसिवः ‘मेरा काम और राजनीतिक भविष्य दांव पर’ : अखिलेश यादव

23 अक्टूबर- रविवार राजनीतिक तूफान जैसी गति‌विधियों में उलझी उत्तर प्रदेश की राजधानी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की प्रदेश के विधायकों एवं विधान परिषद के सदस्यों के साथ बैठक, दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी और परिवार के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के निवास पर हाल के निष्कासित मंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं का विचार-विमर्श। ऐसी गहमागहमी के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हिंदी आउटलुक के लिए दो दिन पहले से निर्धारित कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया। इसके विपरीत समय से थोड़ा पहले ही शाम चार बजे निश्चिंत भाव से अपने कक्ष में उ.प्र. की ताजा राजनीतिक स्थिति, प्रदेश और जनता के लिए बनी प्राथमिकताओं, भाजपा तथा केंद्र सरकार से मिल रही चुनौतियों-कठिनाइयों, आगामी विधान सभा चुनाव के प्रमुख मुद्दों पर लगभग डेढ़ घंटे बातचीत की।
अंग्रेजी के ‌लिए सर्जिकल आपरेशन जरूरी

अंग्रेजी के ‌लिए सर्जिकल आपरेशन जरूरी

अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश, चाइनीज, जर्मन जैसी हर भाषा के अच्छे ज्ञान का सदैव स्वागत होना चाहिए। लेकिन भारत जैसे देश में अंग्रेजी की अनिवार्यता राजनीतिक मजबूरियों और ब्रिटिश विरासत में मिले बाबुई तंत्र के कारण 70 वर्षों में समाप्त नहीं हो सकी।
संघ से जुड़े संगठन की मंशा, अंग्रेजी को दबा मातृ भाषा पर दिया जाए जोर

संघ से जुड़े संगठन की मंशा, अंग्रेजी को दबा मातृ भाषा पर दिया जाए जोर

आरएसएस से जुड़े संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की मंशा है कि स्कूलों में उच्च शिक्षा तक मातृ भाषा में ही बच्चों को सभी निर्देश दिए जाएं। न्‍यास ने नई शिक्षा नीति की सिफारिश में इस तरह की इच्‍छा व्‍यक्‍त की है। सिफारिश मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजी गई है। संगठन चाहता है कि जल्द लागू होने वाली नई शिक्षा नीति में उसकी सिफारिशों पर गौर करते हुए अंग्रेजी की जगह मातृ भाषा को बढ़ावा जाए।
Advertisement
Advertisement
Advertisement