अखबारों की छोटी सी खबर से आम जनता को पता चला कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस होता है। हिंदी के प्रति प्रतिबद्ध सरकार में केवल विदेश मंत्रालय ने एक आयोजन किया।
विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) उत्साह से मन गया। विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने हिंदी को प्रतिष्ठित करने के लिए अपने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ संकल्प के उद्बोधन से समारोह में उपस्थित हिंदी प्रेमियों को प्रसन्न कर दिया। तालियां बजी। विदेश मंत्रालय और केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा परदेसियों को हिंदी का ज्ञान बांटने और दूतावासों-उच्चायोगों में हिंदी का प्रयोग बढ़ाने के प्रयास का स्वागत ही होना चाहिए। भारत में रहकर केवल पांच महीने में अच्छी हिंदी सीख चुकी रूसी छात्रा सुवमोनिया ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता धारा-प्रवाह सुना कर सबको प्रभावित कर दिया।
एक अवॉर्ड समारोह के दौरान अमिताभ बच्चन की बहू और अभिनेत्री ऐश्वर्या राय जिस अंदाज में बीते दौर की मशहूर अदाकारा रेखा से रूबरू हुईं उसने रेखा और अमिताभ के अफेयर की याद दिला दी।
अनिता रश्मि के लेखन में झारखंड की गंध और गहरी संवेदनशीलता है। ‘लाल छप्पा साड़ी’ से लेकर ‘बांसुरी की चीख’ तक उनके कथा लेखन में एक विकास यात्रा दिखती है। जाने-माने लेखक सी भास्कर राव अनिता रश्मि की लेखन यात्रा को इसी तरह देखते हैं।
16 दिसंबर की शाम हिंदी भवन, दिल्ली में किताबघर प्रकाशन के संस्थापक पं. जगत राम आर्य के जन्मदिन पर कथाकार विवेक मिश्र को उनके उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ के लिए ‘आर्य स्मृति साहित्य सम्मान 2015’ प्रदान किया गया। यह सम्मान हर साल साहित्य की किसी एक विधा को प्रकाशन के संस्थापक श्री जगत राम आर्य की स्मृति में दिया जाता है। इस बार उपन्यास विधा की पांडुलिपियां आमंत्रित की गई थीं। तीन सदस्य के निर्णायक मंडल, असगर वजाहत, प्रताप सहगल तथा अखिलेश ने विवेक मिश्र के उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ को इस सम्मान के लिए चुना।
भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने शनिवार को पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी सहित राज्य के विश्व कप विजेता (1983) और (2011) खिलाडि़यों को फिरोजशाह कोटला मैदान के अंदर सम्मानित करने की दिल्ली सरकार को स्वीकृति नहीं दी। बीसीसीआई ने कहा कि इस समारोह के कारण नियमों का उल्लंघन हो सकता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट शृंखला शुरू कराने की कवायद पर शिवसेना ने भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) पर हमला बोला है। पार्टी के मुखपत्र सामना में शिवसेना ने लिखा है कि बीसीसीआई मुंबई पर 26 नवंबर को हुए खौफनाक हमले करने वाले कसाब और उसके सहयोगियों के सम्मान में यह शृंखला कराना चाह रहा है।
बिहार चुनाव के नतीजे आने का बाद सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कविता काफी प्रसारित हो रही है। इस कविता में कहा जा रहा है कि अब कहीं से भी गोमांस, सम्मान वापसी, अरहर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर कोई बयान नहीं आ रहा है। यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसा सहिष्णुता की वजह से है या ऐसा बिहार का चुनाव खत्म हो जाने की वजह से है। स्पष्ट तौर पर यह आरोप लगता रहा है कि लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों द्वारा जो पुरस्कार लौटाए जा रहे थे वह बिहार चुनावों को प्रभावित करने की एक पूर्वनियोजित साजिश थी। इस संबंध में आरएसएस का मानना है कि पुरस्कार वापसी की मुहीम राजनीतिक ताकतों के हित में बहुत सलीके से संयोजित की गई थी। केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह ने तो यहां तक कहने में भी गुरेज नहीं किया कि पुरस्कार वापसी के इस मुहिम में बहुत ज्यादा पैसा सम्मिलित था। जो कुछ भी हुआ, यह उसकी पूरी तरह से एक प्रायोजित और विकृत व्याख्या है।
देश में बढ़ती असहिष्णुता पर चल रही बहस को आगे बढ़ाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि विचारों के लिए माहौल बेहतर बनाने के वास्ते सहिष्णुता तथा परस्पर सम्मान जरूरी है और किसी समूह विशेष को शारीरिक क्षति पहुंचाने या अपमानजनक शब्द कहने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।