बिहार में दो चरण का मतदान होने के बाद मतदान के रुझानों और विभिन्न जातों की गोलबंदी से एक बड़ा सवाल उभर रहा है कि क्या यह विधानसभा चुनाव अगड़ा बनाम पिछड़ा बनता जा रहा है।
देश में लेखकों पर बढ़ते हमले और असहमति की आवाजों को दबाने के विरोध में हिंदी के वरिष्ठ कवि-चिंतक मनमोहन ने हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से मिला सम्मान लौटा दिया है। उन्होंने सम्मान के साथ मिली 1 लाख रुपये की राशि भी अकादमी को वापसभेज दी है।
उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल सहित 21 लेखकों द्वारा साहित्यिक सम्मान लौटाने की घोषणा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हिन्दू धर्म को विकृत करने और भारत को नष्ट करने के प्रयासों में सेकुलर ग्रंथि से पीड़ित कुछ असहिष्णु कलमकारों ने अपने तमगे लौटा दिए हैं।
प्रकृति करगेती की यह पहली कहानी है। इसी कहानी पर उन्हें प्रतिष्ठित राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान मिला है। दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक प्रकृति मुंबई में नेटवर्क 18में प्रोमो प्रोड्यूसर के पद पर काम करती हैं। कहानी लिखने से पहले प्रकृति कविताएं लिखती रही हैं। पहाड़ों के नाम लिखी गई उनकी कविताएं कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं।
अपनी कर्मभूमि बरेली में आज सुबह अंतिम सांसे ली, हिंदी के हस्ताक्षर कवि वीरेन डंगवाल ने। पिछले कुछ सालों से वह मुंह के कैंसर से बहादुराना लड़ाई लड़ रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी साम्राज्यवाद और राष्ट्रीय स्तर पर नरेंद्र मोदी-मार्का हिंदुत्ववादी फासीवाद के मौजूदा वर्चस्व के दौर में वीरेन डंगवाल (1948-2015) की कविता किसी आत्मीय, जीवंत, वामपंथी प्रतिज्ञा की तरह सामने आती है।
झीलों के शहर से हिंदी की सुरलहरी की अनुगूंज विश्व भर में गूंजी। देश-विदेश से आए लोग इस दिवस का हासिल है। साक्षीजनों के बीच से जो संदेश निकलकर आया, उसके अर्थ और निमित्त बहुत ही दूरगामी है।
इमर्जेंसी के दिनों में हुसेन को इंदिरा गांधी प्रेम के कारण बदनामी भी मिली। उन्होंने इंदिरा में दुर्गा छवि खोज ली थी। लेकिन हिंदुवादी फासिस्ट ताकतों ने बाद में हुसेन पर जो हमले किए, जिस तरह से उन्हें बदनाम किया उसके पीछे असली हुसेन को न जानना और धर्मांधता ही थी।
दिल्ली पुलिस को अब सभी सरकारी कामकाज हिंदी में करने का निर्देश मिला है। दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करते हुए राष्ट्रीय राजधानी में करीब 80,000 अधिकारियों और जवानों वाले पुलिस बल को आम आदमी की बेहतर तरीके से सेवा के लिए सभी सरकारी संचार हिंदी भाषा में करने को कहा है।
कवि-कहानीकारों के लिए वैसे तो हर दिन हिंदी का दिन होता है। लेकिन साल में एक दिन खास मनाया जाता है जो हिंदी के लिए कोने-कोने में प्रयासरत लोगों को एक मंच पर जुटा लाता है।