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Search Result : "‘बिल्कुल चट्टान’"

महिला की खूबसूरती की तारीफ कर निशाने पर अमिताभ बच्चन, बिग-बी बोले एक-एक शब्द

महिला की खूबसूरती की तारीफ कर निशाने पर अमिताभ बच्चन, बिग-बी बोले एक-एक शब्द "बिल्कुल ईमानदारी" से कहे

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की चीफ इकॉनमिस्ट गीता गोपीनाथ से जुड़ा एक सवाल कौन बनेगा करोडपति की...
अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो सकती है लेकिन मंदी की आशंका बिल्कुल नहींः वित्त मंत्री

अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो सकती है लेकिन मंदी की आशंका बिल्कुल नहींः वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अर्थव्यवस्था की विकास दर धीमी पड़ सकती है लेकिन मंदी की...
उत्तराखंड में हुए सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन, तो गोवा सहित चार राज्यों में बिल्कुल नहीं

उत्तराखंड में हुए सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन, तो गोवा सहित चार राज्यों में बिल्कुल नहीं

बीपी एंड आरडी की रिपोर्ट में देशभर में पिछले साल हुए विरोध प्रदर्शनों का विस्तृत डाटा सामने आया है। जिसमें सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन उत्तराखंड राज्य में हुए तो वहीं गोवा सहित चार राज्यों में विरोध प्रदर्शनों का आंकड़ा शून्य रहा।
जानिए, आखिर क्यों प्रियंका ने अपनी मां को कहा ‘बिल्कुल चट्टान’ की तरह

जानिए, आखिर क्यों प्रियंका ने अपनी मां को कहा ‘बिल्कुल चट्टान’ की तरह

बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक धूम मचाने वाली देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा ने आज अपनी मां मधु चोपड़ा के लिए उनके बर्थ-डे पर दिल जीत लेने वाला संदेश साझा किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी मां ‘बिल्कुल चट्टान’ की तरह हैं।
अहसासों का अमृत कलश है ‘किनारे की चट्टान'

अहसासों का अमृत कलश है ‘किनारे की चट्टान'

‘किनारे की चट्टान’ काव्य संग्रह के लेखक के अनुसार कविता लिखना जटिल प्रक्रिया है। सच कहूं तो मुझे कविता की सारी टेक्निकल डिटेल का आज भी कोई खास पता नहीं है। बस, मन को जो चीज कचोटती है उसे पन्नों पर उतार लेता हूं और कविता बनने या न बनने का निर्णय पाठकों पर छोड़ देता हूं।’ ये बातें काव्य संग्रह ‘किनारे की चट्टान’ के लेखक पवन चौहान ने अपने काव्य संग्रह में कही हैं।
जंगल की राह और चट्टान का जिगर

जंगल की राह और चट्टान का जिगर

डांडेली टाइगर रिजर्व के प्रवेश स्थल पर जब मैं पहुंचा तो वहां मेरे और मेरी गाड़ी के ड्राइवर के अलावा और कोई न था। न कोई चौकीदार और न ही कोई अन्य सरकारी अमलेदार। दूसरे सैलानियों के पहुंचने से पहले जंगल में अलसुबह घुसकर जानवरों को देखने की चाह में मैं शायद कुछ ज्यादा ही जल्दी पहुंच गया था।
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